Hindi Kavitayen In Hindi Language/New Hindi Kavitayen2023हेलो फ्रेंड्स आज की इस पोस्ट में आपके लिए हिंदी कविता लेकर आई हूँ , हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है हिंदी कविताएं जितनी अर्थपूर्ण और ज्ञानवर्धक होती हैं उतनी ही मन को हरषाने वाली होती हैं बिभिन्न विषयों पर जैसे
mothers day hindi kavitayen/ माँ पर कविता ,hindi kavitayen on life,hindi kavitayen desh bhaktihindi kavitayen bacchon ke liye इस पोस्ट में कविता प्रस्तुत कर रही हूँ उम्मीद करती हूँ आपको जरूर पसंद आएंगी
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mothers day hindi kavitayen/ माँ पर कविता
माँ शब्द सुनते ही सर झुक जाता है , माँ का चेहरा आँखों के सामने आता है , शायद ही कोई इस संसार में ऐसा प्राणी है जो बिना माँ, के इस संसार में आया हो , सबसे जयदा प्यार और दुलार मां ही करती है , . माँ ही है जो बिना स्वार्थ के हमसे प्यार करती है ,
माँ 💗 maa
जन्म दिया जिसने हमको वो माँ है
माँ का ऋण भला कौन चुका सका है
माँ के तो भगवान भी ऋणी रहा है
इलिए तो भगवान से पहले माँ का दर्जा दिया
प्रसव पीड़ा सहकर माँ ने जना है
माँ का ह्रदय मोम सा बना है
दूधपीकर हम मे खून बना है
जन्म दिया है जिसने हमको वो माँ है
यह तन हमारा माँ के दूध से बना है
माँ ने हमपर तन मन धन अर्पण किया है
माँ सा हितैसी दूजा कौन भला है i
जन्म दिया है जिसने हमको वो माँ है
खुद काँटों पर सोती है
बिस्तर हमारा फूलों सा रखा है
हमारे सुख के लिए माँ ने कष्ट सहा है
जन्म दिया है जिसने हमको वो माँ है
माँ को कभी कष्ट न देना कदमों मे जन्नत माँ की है
उनसे पूछो माँ क्या होती जिनकीं माँ नहीं है
जिसके सर माँ का हाथ वो बहुत धनी है
जन्म दिया हैजिसने हमको वो माँ है-LOVE YOY MAA
hindi kavitayen in hindi language-
दोस्तों इंसान वही है जो दूसरों के दर्द का अहसास को महसुश कर सके अहसास ही हैं जो हमको जिन्दा होने का अहसास कराता है सिर्फ स्वांस लेने को जिंदा नहीं कहते है जिसके अहसास जिंदा हैं उसे इंसान कहते हैं प्रस्तुत है कविता hindi kavitayen in hindi language-\अहसास
कविता – अहसास
अहसास करो की तुम
क्या तुम जिंदा हो
देख कर किसी का दर्द तुम
हो जाती है आँखें नमं ?
ओ जो छोटू कूड़ा बीनता
चिथड़ा ओढ़े कभी सर्दी
कभी पसीना बहाते तेज गर्मी
हुआ अहसास देख उसके दर्द कभी?
क्या तुमको अहसास है ?
वो बूढ़ी माई
दिए बेचती दूसरे रोशनी को
खुद की आँखें पथराई
क्या तुमको याद आता है ?
उस सड़क के किनारे
सिकुड़ते सखस की
अहसास होता उसकी ठिठुरती ठंड की
तुम्हें अहसास है ? उस किसान के आखें
बरसात और धूप मे आसमान
को निहारती आँखें
उसकी जी तोड़ मेहनत से उखड़ती सांसें
ख्याल आता है कभी उस सैनिक का ?
अहसास है उसके त्याग बलिदान का
उसके सीने पर लगी दुसमन की गोली
उसकी राह देखती उस बूढ़ी माँ
है गर हर बात का अहसाश हमको
तो मानव कहाने का हक है हमको
वरना क्या मुर्दा सिर्फ कहते है मरने को
मुर्दा तो कहते है अहसासों के मरने को
hindi kavitayen on life
दोस्तों जिन्दगी इक पहेली है , कभी इसकी उलझनें हमे उलझाए रखती हैं तो , कभी इसकी चकाचौध हमको परेशान किए रहती है इन्ही भाव्नाओं को दर्शाती कविताhindi kavitayen on life जिन्दगी प्रस्तुत कर रही हूँ
हिंदी कविता -जिन्दगी
पल पल मुझे
आजमाती है जिंदगी
रंग बिरंगे ख्वाबगाहों
की सैर कराती है जिंदगी
कभी मीठे तभी कडवे
घुट पिलाती है जिंदगी
पल पल मुझे
आजमाती है जिंदगी
इक ख्वाब के शिवा कुछ
भी नहीं ये बताती है जिंदगी
फिर भी मर्ग तर्षणा मे
हर पल भटकाती है जिदगी
कभी रुलाती तो कभी
मुस्कराती है जिंदगी
पल पल मुझे
आजमाती है जिदगी
कभी तो बहुत सरल कभी
बहुत मुश्किल नजर आती है जिंदगी
कभी बहुत तेज कभी
थम सी जाती है जिंदगी
कभी दर्द की चुभन
कभी गुदगुदाती है जिंदगी
पलपल मुझे बहुत
आजमाती है जिंदगी
ख्वाबों की इक इबारत है ,जिंदगी हादसों की दस्तक है जिंदगी
हादसों की दस्तक है जिंदगी ]
बारिश धूप पानी से सीचीजाए वो क्यारी है
हादसों के ताप रंजिशों की आग मे
विकास की दौड़ भाग मे हर पल मुस्क
समय के पहिये के साथ साथ चलती जाए
हँस हँसकर जो जिंदगी सुनाए वो गीत है जिंदगी
मैंने जिंदगी से पूछा
तुझे केसे जियूँ ए जिदगी
सजा मुस्कान खुद के लबों पर
सबको मुस्कान बाँट यही है बंदगी
फिर हर पल मुस्कराएगी
तेरी ये जिदगी
हर पल मुस्कराने
का नाम है जिंदगी
hindi kavitayen desh bhakti
दोस्ती ये कविता हमारे देश के बीर सैनिकों को समर्पित है आज हम अपने घरों में चैन की नीद सो रहे हैं तो इसका श्रेयहमारे देश के सैनिकों को जाता है क्युकी वे शरहद पहरा दे रहे हैं आइये कविता सुनिए पढियेhindi kavitayen desh bhaktiहिंदी कविता सैनि
हिंदी कविता सैनिकHINDI KVITASANIK
सैनिक देश की खातिर तत्पर हरदम
जिनके दम से लहराता परचम
विजय पताका लहराते हर दम
दुर्गम राह चलते हर दम
आधी आए या तूफान
इनके दम से है हिंदुस्तान
पहचान इनकी त्याग सेवा बलिदान
जान से प्यार इनको हिंदुस्तान
क्षण भर इनको आराम नहीं
खुद कहीं परिवार कहीं
अपनी इनको प्रवाह नहीं a
देश रक्षया फर्ज सेवा वरिवार यही
हम घर पर चैन से हैं सोते
सैनिक जाग कर रात दिन रक्षया करते
परिवार रात दिन राह इनकी ताकते
देश की खातिर कभी न थकते
तनमन अपना किया अर्पण
मातरभूमि को किया समर्पण
इनका ऋणी देश का कण कण
कौन चुका सकता इनका ऋण
सलाम करें हम सब इनको
और इनकी उस जननी को
रखते हैं तत्पर खुद को
मातरभूमि की रक्षया को
आओ इनको करें नमन
जिनके दम खुशहाल चमन
धरती चूमे इनके कदम
फूल बरसाता है गगन जय हिन्द||
new hindi kavitayenहिंदी कविता प्रक्रति
हेल्लो दोस्तों आज इंसानअपने स्वार्थ में अपनी ही धरती का शोषण कर रहा है इंसान ने अपने स्वार्थ में अंधा होकर इस धरती को रहने लायक नही छोड़ा , प्र्दुष्ण से दिन प्रति दिन हमने सबकुछ नष्ट किया है , इसीलिए आज जो भी बिमारी आंधी तूफ़ान , धरती पर आरहे हैं सब हमारी करनी के फल हैं इसी से प्रक्रति कुपित है ,इसी को आज की कविता बयाँ कर रही हैप्रस्तुत है new hindi kavitayenहिंदी कविता प्रक्रति आओ हम मिलकर अपनी प्रक्रति की रक्षा करें
हिंदी कविता प्रक्रति
वक्त यूं तो बहुत कुछ सीखा जाता है
आदमी को आदमी से पहचान करा जाता है
यूं तो बहुत खुद गरज है आदमी
आदमीयत की बहुत हैं उसमें कमी
सीख नहीं पाया प्रकर्ति की
प्रकर्ति जिसका काम है देना
भूल गया प्रकर्ति का समान्रना करना
सीखा महज प्रकर्ति को लूट के झोली भरना
निज स्वार्थ की हदों को पार करता है
प्रकर्ति रूपी माँ पर प्रहार करता\
अपनी इस निर्दयता से खुदा को हैरान करता
प्रक्रति के खाते मे फिर हरजाना है भरता
दिए प्रकर्ति ने जी भर के खजाने
स्वार्थी इंसान भरने लगा महज अपने खजाने
भूल गया प्रकर्ति को बदले मे लौटाना
प्रकर्ति माँ है आसान नहीं माँ का कर्ज चुका पाना
सुन सके तो सुन ले प्रकर्ति का संदेश
अपने हाथों से सवार ले अपना देश परिवेस
जल जमीन पेड़ का कर मान स्मान्न
बदले मे प्रकर्ति देगी जीवन का वरदान
आज ये जो रोग से बदले बदले हालात हैं
अंजाम नहीं महज एक सुरुववात है
वक्त रहते कर लो प्रकर्ति की रक्षा
प्रकर्ति माँ करेगी हर पल सुरक्षा [
hindi kavitayen bacchon ke liye/हिन्दी कविता भागम भाग
हिन्दी कविता भागम भाग – प्रस्तुत है hindi kavitayen bacchon ke liye BHAGM BHAAG / इस कविता में आजकल की जिन्दगी की भागम भाग पर नजर डाली गई है , आजकल किसी को भागने से फुर्सत नही है सभी एक दुसरे को देख के भाग रहे हैं आराम की जिन्दगी जैसे खो सी गयी है ,||
हिन्दी कविता भागम भाग
शहरों की ये भागमभाग जहां देखो भागमभाग
बसों की भागम भाग ट्रेन की भागमभाग
जाग मुन्ना मुन्नी जाग
जल्दी जाग स्कूल को भाग
पापा जागो मम्मी जागो
तैयार होकर स्कूल को भागों
दादा जागो दादी जागो
अ कसरत करने पार्क मे भागों \
सब्जी वाले भय्या जागो
ठेला लेकर मंडी भागों
दूध वाले भय्या जागो
दूध देने घर घर भागों
जागो टीचर तुम भी जागो
शिक्षित करने स्कूल को भागों
जागो डॉक्टर साहब जागो
जान बचाने अस्पताल भागों
सड़क पर वाहनों की भागम भाग
एक दूजे से होड मे भाग
नियम कानून तोड़ कर भाग
जहां देखो भागमभाग