नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। वे तपस्या और संयम की देवी हैं।

माँ ब्रह्मचारिणी का स्वरूप

🌼 माँ का रूप

हाथ में जपमाला और कमंडल लिए, शांत और तेजस्वी स्वरूप।

🌸 नाम का अर्थ

‘ब्रह्म’ = तपस्या, ‘चारिणी’ = आचरण करने वाली। यानी जो ब्रह्मचर्य और तप की साधना करती हैं।

🙏 माँ ब्रह्मचारिणी   की   पूजा का महत्व 🙏

भक्तों को कठिनाइयों से मुक्ति और अटूट धैर्य प्रदान करती हैं।

✨ पूजन विधि द्वितीय दिन सफेद वस्त्र पहनकर, गंध, पुष्प और अक्षत से माँ की पूजा करें।

📿 माँ का मंत्र "ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः"

🌸 ध्यान मंत्र

"दधाना करपद्माभ्यां जपमालाकमण्डलु। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥"

माँ ब्रह्मचारिणी का स्मरण करने से भक्त को तप, त्याग और सफलता मिलती है।

✨ फल प्राप्ति माता की उपासना से आत्मबल और संयम की प्राप्ति होती है।

माँ ब्रह्मचारिणी अपने भक्तों को आजीवन सच्चाई और तपस्या का मार्ग देती हैं।

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माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करके आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति मिलती है।

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माता की कृपा से जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता आती है।