भारत छोड़ो आन्दोलन 1942 की चिंगारी आज भी ज़िंदा है

गांधी जी बोले: "करो या मरो!"

नहीं था डर, नहीं था विराम, सिर्फ था आज़ादी का पैगाम।

जन-जन की आवाज़ बनी क्रांति, हर जुबां पर था एक ही नारा — भारत छोड़ो!

इतिहास की किताबों से हमें फिर जीवित करना है।

भारत छोड़ो आन्दोलन यह केवल नारा नहीं, आज़ादी का अंतिम आह्वान था।

– सड़कों पर लाठियां, जेलों में भूख हड़तालें

बहुत से लोग बिना नाम के शहीद हो गए

–  – कई औरतों को जबरन काम पर लगाया गया, पर वे झुकी नहीं

– ब्रिटिश साम्राज्य हिल गया – पूरी दुनिया को दिखा — भारत अब और नहीं रुकेगा

यूपी और बिहार में ग्रामीण क्रांतिकारी बन गए

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– ब्रिटिश साम्राज्य हिल गया – पूरी दुनिया को दिखा — भारत अब और नहीं रुकेगा – 1947 में मिली आज़ादी का बीज यहीं बोया गया