श्रद्धा और प्रकृति का पर्व — नाग पंचमी 2025

क्या आप जानते हैं? नाग पंचमी सिर्फ एक पूजा नहीं, ये है जीवों की रक्षा और प्रकृति से प्रेम का प्रतीक।

📜 पुराणों में नागों का विशेष स्थान है। शेषनाग, वासुकी, तक्षक — ये सिर्फ नाम नहीं, धर्म और ब्रह्मांड की शक्ति के प्रतीक हैं।

श्रावण मास की पंचमी तिथि पर, हम पूजते हैं नागों को — क्योंकि वे जीवन के रक्षक हैं।

शेषनाग को ब्रह्मांड का आधार माना गया है। भगवान विष्णु इन्हीं पर शयन करते हैं — वो समय, संतुलन और धैर्य के प्रतीक हैं।

समुद्र मंथन के समय वासुकी नाग ने देवों और असुरों के बीच रस्सी बनकर मंथन की प्रक्रिया को संभव किया।

पुराणों में 8 प्रमुख नागों का नाम लिया जाता है: अनन्त, वासुकी, शेष, पद्म, कंबल, कर्कोटक, तक्षक, शंखपाल इन सभी को नाग पंचमी पर स्मरण किया जाता है।

नागों की पूजा हमें सिखाती है कि हर जीव, चाहे वह हमें भय क्यों न देता हो, प्रकृति की व्यवस्था में अत्यंत आवश्यक है।

🌾 खेतों में चूहों को खाते हैं सांप, फसलें बचाते हैं — किसान के लिए देवता हैं।

क्या आप जानते हैं? नाग पंचमी सिर्फ एक पूजा नहीं, ये है जीवों की रक्षा और प्रकृति से प्रेम का प्रतीक।

💧 ज़मीन के नीचे रहते हुए, सांप जल स्रोतों और मिट्टी को संतुलन देते हैं।

🙏 सांपों को पकड़ना, जीभ सिलना, या दिखावे के लिए दूध पिलाना – यह सब अमानवीय है।

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💚 नाग पंचमी एक संदेश है: "हर जीवन पूज्य है — बस समझ चाहिए।"