राष्ट्रीय एकता दिवस शायरी/Rashtriya Ekta Diwas Qots-राष्ट्रिय एकता दिवस के सुअवसर पर आप सबको बहुत बहुत बधाई जैसे की आप सबको ज्ञात होगा 2914 से भारत सरकार ने भारत के लौहपुरुष सरदार बल्ल्भभाई पटेल के जन्मदिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में बनाने का फैसला किया था सरदार बल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था | ब्ल्ल्भाई पटेल की अद्भुत ज्ञान शक्ति और उनकी साहस को शब्दों में ब्यक्त करना संभव नहीं है , देश के एकीकरण में उनके अदम्य साहस को भला केसे भुलाया जा सकता है। आज देश को एक करने में सरदार बल्लभभाई के विचारों और उनके बताए गये मार्ग की नितांत जरूरत है , एकता ही एक देश को मजबूती और विकास के राह ले जा सकता है हम सभी देश वासी एक हैं हमको रंग , रूप क्षेत्र धर्म से उठकर एकजुट होकर देश का विकास करना चाहिए आज अपनी इस पोस्टमें लौहपुरुष स्र्दारब्ल्ल्भ भाई पटेल के विचार और अपने कोट्स राष्ट्रीय एकता दिवस शायरी/Rashtriya Ekta Diwas Qotsलेकर आई हूँ |
राष्ट्रिय एकता पर लौहपुरुष के विचार
अनेकता में एकता पर शायरी
हिंदू मुस्लिम एकता पर शायरी
एकता पर सुविचार
राष्ट्रीय एकता पर दोहे
राष्ट्रीय एकता दिवस कब मनाया जाता है
राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध
भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस कब मनाया जाता है
राष्ट्रीय एकता दिवस निबंध
राष्ट्रीय एकता दिवस 2022
राष्ट्रीय एकता दिवस पहली बार कब मनाया गया?
राष्ट्रीय एकता दिवस पर चित्र
“राष्ट्रीय एकता दिवस”” कब से मनाया जाता है”
राष्ट्रीय एकता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है
राष्ट्रीय एकता दिवस शायरी/Rashtriya Ekta Diwas Qots
राष्ट्रिय एकता पर लौहपुरुष के विचार
1-
“भारत एक अच्छा उत्पादक है और इस देश में कोई अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ भूखा ना रहे.”
2—“इस मिट्टी में कुछ खास है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है
3-“भले ही हम हजारों की संपत्ति खो दें, और हमारा जीवन बलिदान हो जाए, हमें मुस्कुराते रहना चाहिए और ईश्वर और सत्य में अपना विश्वास बनाए रखना चाहिए.
4-हर नागरिक की यह मुख्य जिम्मेदारी है कि वह महसूस करे कि उसका देश स्वतंत्र है और अपने स्वतंत्रता देश की रक्षा करना उसका कर्तव्य है
5-आपकी भलाई आपके रास्ते में बाधा है, इसलिए अपनी आंखों को गुस्से से लाल होने दें, और अन्याय के साथ मजबूती से लड़ने की कोशिश करें.
6-आपको अपना अपमान सहने की कला आनी चाहिए
7जब जनता एक हो जाती है, तब उसके सामने क्रूर से क्रूर शासन भी नहीं टिक सकता. अतः जात-पांत के ऊंच-नीच के भेदभाव को भुलाकर सब एक हो जाइए
8-संस्कृति समझ-बूझकर शांति पर रची गई है. मरना होगा तो वे अपने पापों से मरेंगे. जो काम प्रेम, शांति से होता है, वह वैरभाव से नहीं होता
9-आज हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेदभावों को समाप्त कर देना चाहिए तभी हम एक उन्नत देश की कल्पना कर सकते हैं.
10-अधिकार मनुष्य को तब तक अंधा बनाए रखेंगे, जब तक मनुष्य उस अधिकार को प्राप्त करने हेतु मूल्य न चुका दे
अनेकता में एकता पर शायरी
1
2-
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण से
हम भारत माता की संतान हैँ
कौन भला हमे बाँट सकता है
अनेकता में एकता ही हमारी पहचान है
poorab pashchim uttar dakshin se
ham bhaarat maata kee santaan hain
kaun bhala hame baant sakata hai
anekata mein ekata hee hamaaree pahachaan hai
3-
अलग अलग है बोली हमारी
अलग वेश भूषा हमारी
देश की आन बान पर
जिंदगी कुर्बान हमारी
alag alag hai bolee hamaaree
alag vesh bhoosha hamaaree
desh kee aan baan par
jindagee kurbaan hamaaree
4-
एक हमारी धरती माता एक हमारी सोच रहे
रहें पूर्व या पश्चिम या उत्तर दक्षिण रहें
देश की एकता और अखंडता की जब बात चले
देश के कोने कोने से एकता के बात उठे
ek hamaaree dharatee maata ek hamaaree soch rahe
rahen poorv ya pashchim ya uttar dakshin rahen
desh kee ekata aur akhandata kee jab baat chale
desh ke kone kone se ekata ke baat uthe
5-
देश की खातिर जीते हैं
देश की खातिर मर जाएँगे
देश की एकता की लिए कुछ भी कर जाएँगे
एकता के लिए हम अपना सब कुछ लुटाएंगे
desh kee khaatir jeete hain
desh kee khaatir mar jaenge
desh kee ekata kee lie kuchh bhee kar jaenge
ekata ke lie ham apana sab kuchh lutaenge
हिंदू मुस्लिम एकता पर शायरी
6
हिन्दू मुश्लिम बोलकर देश मत को मत बांटो
इंसानियत के दुश्मन बनकर नफरत मत बांटो
hindoo mushlim bolakar desh mat ko mat baanto
insaaniyat ke dushman banakar napharat mat baanto
7
धर्म जात के नाम से
मत फैलाओ धर्म के नाम पे
dharm jaat ke naam se
mat phailao dharm ke naam pe
8
आपस में तुम अगर लड़ोगे
हिन्दू मुश्लिम बने रहोगे
फिर कैसे आगे बढोगे ?????
केसे अच्छे इन्सान बनोगे ???
aapas mein tum agar ladoge
hindoo mushlim bane rahoge
phir kaise aage badhoge ?????
kese achchhe insaan banoge ???
9
इंसानिय और परहित ही परम कर्म है
iप्राणी मात्र से प्रेम ही सबसे बड़ा धर्म है
insaaniy aur parahit hee param karm hai
praanee maatr se prem hee sabase bada dharm hai
10
देश की मिटटी कहे पुकारतुम सब हो इन्सान
हिन्दू मुश्लिम सिक्ख इसाई सब मेरी हैं सन्तान
desh kee mitatee kahe pukaaratum sab ho insaan
hindoo mushlim sikkh isaee sab meree hain santaan
11
नफरत की दिवार गिराओ
आपस में नफरत मत फैलाओ
हिन्दू मुश्लिम एकता के गीत गाओ
जो भी मिले इंसान सम्मझ गले लगाओ
napharat kee divaar girao
aapas mein napharat mat phailao
hindoo mushlim ekata ke geet gao
jo bhee mile insaan sammajh gale lagao
12
एक गगन है एक चमन है हमारा 💘💘💘💘
हम सब भारत की सन्तान हैं एक वतन हमारा
ek gagan hai ek chaman hai hamaara 💘💘
ham sab bhaarat kee santaan hain ek vatan hamaara
एकता पर सुविचार/thoughts on unity
13
हिन्दुमुश्लिम हम सब एक माला के फूल
भारत माता हमारी है कभी ये मत जाना भूल
hindumushlim ham sab ek maala ke phool
bhaarat maata hamaaree hai kabhee ye mat jaana bhool
14
अनेकता में एकता है हमारी पहचान
एक हमारी माटी है दिल में हिन्दुस्तान
anekata mein ekata hai hamaaree pahachaan
ek hamaaree maatee hai dil mein hindustaan
15
जाती धर्म रंग रूप के नाम से
लड़ेगा जो इंसान से
कैसे भला करेगा प्रेमअपने देश
है वो कलंक फि इंसान के नाम से
jaatee dharm rang roop ke naam se
ladega jo insaan se
kaise bhala karega premapane desh
hai vo kalank phi insaan ke naam se
16
एक हैं हम एक एक हमारा नारा है
जान से प्यारा हिन्दुस्तान हमारा है
ek hain ham ek ek hamaara naara hai
jaan se pyaara hindustaan hamaara hai
17
अनेकता में एकता है हमारी पहचान
एक हमारी मातृभूमि एक है राष्ट्रगान
anekata mein ekata hai hamaaree pahachaan
ek hamaaree maatrbhoomi ek hai raashtragaan
राष्ट्रीय एकता पर दोहे
18
राष्ट्र ही आन राष्ट्र ही बान और शान हमारा है
एकता और इंसानियत से बढ़कर कोई न दूजा धर्म हमारा
raashtr hee aan raashtr hee baan aur shaan hamaara hai
ekata aur insaaniyat se badhakar koee na dooja dharm hamaara
19-
देश में अगर एकता रहेगी
कोई भी ताकत हमें तोड़ न सकेगी
desh mein agar ekata rahegee
koee bhee taakat hamen tod na sakegee
20
आज से ही हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब,
जाति-पाती के भेदभावों को समाप्त कर देना चाहिए।
21
एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है
जब तक उसे ठीक तरह से सामंजस्य में ना लाया जाए और
एकजुट ना किया जाए, और तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है।
22
“प्रजा का विश्वास,
राज्य की निर्भयता की निशानी है
23
हमारे देश में अनेक धर्म, अनेक भाषाए भी है
लेकिन हमारी संस्कृति एक ही है।
जाति धर्म भेद मिटा, करें देश से प्यार।
एकता के सूत्र में, बंधें देश एहे खुशहाल
भेदभाव सब भूल कर, बढ़ें हम एक राह।
एकता की शक्ति से, मिटे द्वेष और प्रेम बढ़े अथाह ।
सबके दिल में एकता, सबका एक ही धर्म।
मिलकर हम हैं शक्ति बनें मिटे द्वेष का मर्म।
राष्ट्र प्रेम हो धर्म सा, एकता हो शान।
मिलकर सारे देशवासी, करें देश का मान।
एक सूत्र में बंध चलें, हो न भेद-भाव।
एकता से बढ़े देश, सबका रहे ऊँचा भाव।
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राष्ट्रीय एकता दिवस कब मनाया जाता है
सरदार बल्लभभाई पटेल के जन्म दिवस के रूप में 31 अक्टूबर को राष्ट्रिय एकता दिवस मनाया जाता है
राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध
राष्ट्रीय एकता दिवस
भारत एक विशाल और विविधताओं से भरा देश है, जहाँ अलग-अलग धर्म, भाषाएँ, संस्कृतियाँ और परंपराएँ हैं। इतनी विविधताओं के बावजूद, भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी एकता में है। इस एकता को बढ़ावा देने और इसे बनाए रखने के लिए हर साल 31 अक्टूबर को “राष्ट्रीय एकता दिवस” मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश के नागरिकों में एकता, अखंडता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना है।
राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत 2014 में भारत सरकार द्वारा की गई थी। इस दिन को विशेष रूप से सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने स्वतंत्र भारत को एक मजबूत और एकजुट राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सरदार पटेल ने देश के 565 रियासतों का एकीकरण कर भारत को एकता के सूत्र में बांधने का अद्वितीय कार्य किया था, जिसके कारण उन्हें “लौह पुरुष” के नाम से भी जाना जाता है।
उनका मानना था कि यदि देश के सभी हिस्से एकजुट होंगे तो ही भारत एक मजबूत और स्वावलंबी राष्ट्र बन सकता है। आज के समय में भी उनकी यह सोच और दृष्टिकोण उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने स्वतंत्रता के समय थे।
राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता
भारत में विभिन्न धर्मों, भाषाओं और संस्कृतियों के लोग मिल-जुलकर रहते हैं। यह विविधता हमारी सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध बनाती है, लेकिन कभी-कभी यह भिन्नता समाज में गलतफहमियों और संघर्षों का कारण भी बन सकती है। ऐसे में राष्ट्रीय एकता की भावना का होना अत्यंत आवश्यक है, ताकि देश की अखंडता बनी रहे और हम विकास की ओर निरंतर आगे बढ़ सकें।
एकता के बिना कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता। अगर देश में आंतरिक मतभेद या टकराव होंगे, तो विकास की गति धीमी हो जाएगी और समाज में अस्थिरता बढ़ेगी। इसलिए, राष्ट्रीय एकता का होना न केवल सामाजिक शांति के लिए बल्कि आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रीय एकता दिवस का उद्देश्य
राष्ट्रीय एकता दिवस का उद्देश्य लोगों में यह भावना पैदा करना है कि हम भले ही विभिन्न जातियों, धर्मों और भाषाओं से आते हों, लेकिन सबसे पहले हम भारतीय हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि देश की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए हमें अपने भेदभाव और संकीर्ण मानसिकताओं को छोड़कर एकजुट रहना चाहिए।
इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जिसमें रन फॉर यूनिटी, देशभर में रैलियाँ, और शैक्षिक संस्थानों में सेमिनार जैसे आयोजन होते हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से युवाओं और बच्चों को एकता के महत्व से अवगत कराया जाता है और उन्हें प्रेरित किया जाता है कि वे देश की अखंडता बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाएं।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय एकता दिवस हमें यह सिखाता है कि भले ही हमारी भाषाएँ, रहन-सहन और परंपराएँ भिन्न हों, लेकिन हमारी एकता ही हमारी असली शक्ति है। सरदार वल्लभभाई पटेल ने जिस एकीकृत भारत की नींव रखी थी, उसे मजबूत करना हम सभी का कर्तव्य है। आज के समय में, जब हम सामाजिक और सांस्कृतिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, तब यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम एकता की शक्ति को समझें और उसे अपने जीवन में आत्मसात करें।
सच्ची एकता तभी संभव है, जब हम सभी भारतीय होने के नाते एक दूसरे का सम्मान करें और मिलकर देश के विकास में सहयोग दें।
राष्ट्रीय एकता दिवस पहली बार कब मनाया गया?
राष्ट्रीय एकता दिवस पहली बार2014 में मनाया गया था
राष्ट्रीय एकता दिवस पर चित्र