Sad poetry In Hindi / सैड हिंदी कविता    

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 Sad poetry In Hindi / सैड हिंदी कविता र्दोस्तों आज मैं आपके लिए Sad poetry In Hindi / सैड हिंदी कविता लाइ हूँ जिसका शीर्षक है हसरत उम्मीद करती हूँ आपको जरुर पसंद आएग

Sad poetry In Hindi / सैड हिंदी कविता
हिंदी कविता हसरत
हिन्दी कविता — खुस हैं तेरे बगैर हम
-hindee kavita —
khus hain tere bagair ham khus hain tairai bgaair ham
हिंदी कविता कुछ लोग मिले थे राहों में
hindee kavita kuchh log mile the raahon mein
हिंदी कविता मोहबत्त
hindee kavita mohabatt
हिन्दी कविता -होता है अक्सर मेरे साथ तुम होते हो पास

Sad poetry In Hindi / सैड हिंदी कविता

Sad poetry In Hindi सैड हिंदी कविता

Sad poetry In Hindi / सैड हिंदी कविता

हिंदी कविता हसरत

हसरतें रही दिल ही दिल मे
कुछ किस्से रह गए अनकहे
उलझन भला अब केसे सुलझे
किसे कहें हाल ए दिल के अफ़साने

हसरतें रही दिल ही दिल में
और लब खामोश रहे
कसमकस इतनी की
हमने खामोशी चुन ली

हसरतें रहीं दिल ही दिल में
हम कुछ कह न सके महफ़िल में
रह गए कुछ राज ए कहानी दिल में
राज कहते भी क्या गैरों की महफ़िल में

हसरतें रहीं दिल ही दिल में
दर्द मे कितना दिल है आग है कितनी दिल में
हसरतों का कोई मोल नहीं इस बेगानी महफ़िल में
अब कोई सिखायत नहीं बाकी रही इस दिल में

हसरतें रहीदिल ही दिल में
किस हाल से गुजरा है अपना दिल ये
रह गई कुछ खवाइश अनकही दिल में
कहते जुबां बंद रही आज भरी महफ़िल मे

हसरतें रहीं दिल ही दिल में
उसके दिए जख्म की कहानी क्या कहते
लफ्ज उस बेगैरत के आगे जाया क्यूँ करते
अच्छा होता हम उससे न मिलते

हिन्दी कविता — खुस हैं तेरे बगैर हम
-hindee kavita —
khus hain tere bagair ham khus hain tairai bgaair ham

हिन्दी कविता --- खुस हैं तेरे बगैर हम
-hindee kavita ---
khus hain tere bagair ham khus hain tairai bgaair ham

खुस हैं तेरे बगैर हम
बस बात इतनी है की तन्हा हैं हम
बस जिस्म से थोड़ा दूर हो तुम
याद मे हर पल हो तुम
हाँ खुस हैं तेरे बगैर हम
बस इस बात का है गम
हमसे वफ़ा कर न सके तुम
खैर जाने दो कोई गिला नहीं अब
खुस हैं तेरे बगैर हम
की हमसे जुदा होकर खुस हो तुम
तुमको नहीं इस जुदाई का कोई गम
जा झूठी महोबबत थी तेरी सनम
खुस हैतेरे बगैर हम
हमने अपने दिल पर ढाए कई सितम
महोंबत्त में तेरी खुद को क्या
खुदा को भला गए हम
खुस हैं तेरे बगैर हम
बस मर के भी जिंदा हैं हम
कभी कभी सोच कर तुझे
हो जाति है आँखें नं म
खुस हैं तेरे बगैर हम
तेरी तरह दिल का सौदा नहीं करते हम
इश्क करते हैं तिजारत नहीं करते हम
हाँ तेरा इश्क इक झुठ महज झुठ था सनम

हिंदी कविता कुछ लोग मिले थे राहों में
hindee kavita kuchh log mile the raahon mein

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हिंदी कविता कुछ लोग मिले थे राहों में
hindee kavita kuchh log mile the raahon mein

कुछ लोग मिले थे राहों मे
जीवन का सबब सिखाने को
है कौन यहाँ अपना और
पराया बताने को
कुछ लोग मिले थे राहों में
जीवन क्या है बताने को
सुख हो या दुख कैसे रहें
खुसी का मंत्र बताने को कुछ
कुछ लोग मिले थे राहों मे
परमार्थ का मतलब बताने
कैसे दूसरों के गम मिटाते
खुद को मानव कहाने को कुछ
कुछ लोग मिले थे लोग राहों मे
मानव की पहचान कराने को
असली क्या है क्या नकली है
होते क्या मुखौटे बताने को
कुछ लोग मिले थे राहों में
सिर्फ अपना कहाने को
जिनसे मिलकर सिर्फ दर्द मिले
मुस्कान लबों से मिटाने को
कुछ लोग मिले थे राहों मे
मुस्कान लबों पर सजाने को
सौ दर्द छिपा कर दिल मे
औरों की मुस्कान सजाने को
कुछ लोग मिले थे राहों मे
जीवन का अर्थ समझाने को
भूल के निज स्वार्थ
जीवन का भावार्थ समझाने को
कुछ लोग मिले थे राहों मे
अंधेरे मे दिए जलाने को
घनघोर बियाबाँ बंजर मे
फूलों की बगिया महकाने को
कुछ लोग मिले थे राहों मे
जीवन है संगम सुख दुख का
दें दोष भला क्यूँ किसी को
जीवन है खेल खिलाने को

हिंदी कविता मोहबत्त
hindee kavita mohabatt

हिंदी कविता मोहबत्त
hindee kavita mohabatt

बिना कहे जो बया हो जाए उसे महोबत्त कहते हैं
जुबा खामोस मगर आखें बात करती हैं उसे महोबत्त कहते हैं
जरूरत क्या भाषा और लफजू की ये तो बात है दिलों की
करे कौन बात इसमे नजदीकी और फ़ासलों की
गुजर जाती है उम्र यू ही दिल मे जज़्बात रहते है
भूल जाने की करो कोसिस पर अक्सर याद रहते हैं
बिना कहे जो बयाँ हो जाए उसे महोबत्त कहते हैं
किसे अंम की परवाह की दुनियाँ वाले क्या कहते हैं
महोबत करने वाले अक्सर बेहोश रहते हैं
दुनिया मे नहीं वे तो एक दूजे के दिल मे रहते हैं
करें क्या बया इसको इसे महोबबत कहते हैं
मुमकिन नहीं इसमे फासले उम्र का कोई
न ओहदा देखे न गुण अवगुण कोई
अजब स है ये रिसता न मेल इसमें कोई
महज एहसास तड़फ और सकु का खे
हाँ बहुत ही खास है ये इसे महोबत्त कहते हैं

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http://One Line SHayari In Hindi

हिन्दी कविता -होता है अक्सर मेरे साथ तुम होते हो पास

हिन्दी कविता -होता है अक्सर मेरे साथ तुम होते हो पास

प्रसूत है हिन्दी कविता होता है कभी कभी अक्षर मेरे साथ दोस्तों जब कभी हम तन्हा होते है बहुत उदास
होते है परंतु इस तनहाई मे भी किसी की मौजूदगी का अहसास होता है तब अक्सर दिल यह गुनगुनाता है होता है अक्सर कभी कभी मेरे साथ क्या आपके साथ भी होता है एसा
होता है कभी कभी अक्सर मेरे साथ||

होता है कभी कभी अक्सर मेरे साथ
भीड़ और तनहाई मे तुम होते हो पास
कभी कभी मन जब होता है उदास
होता है कभी कभी अक्सर मेरे साथ
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होता है कभी कभी अक्सर मेरे साथ
होता कोई नहीं पर तुम होते हो साथ
दूर बहुत दूर हो तुम फिर भी कितने पास
होता है अक्सर कभी कभी मेरे साथ
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होता है कभी कभी अक्सर मेरे साथ
बादल जब बरसते है होती है बरसात
मुझको बस सिर्फ तुम आते हो याद
होता है अक्सर कभी कभी मेरे साथ

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होता है अक्सर कभी कभी मेरे साथ
रात को सोते सोते आँखों मे
सिर्फ तुम्हारे ख्वाब
होती है आखों से आँसों की बरसात
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होता है अक्सर कभी कभी मेरे साथ
होता है अक्सर कभी कभी मेरे साथ
सोचती हु क्यू हुई महोबत्त तेरे साथ
हो रहा दिल मेरा दर्द से आवाद
होता है कभी कभी अक्सर मेरे साथ

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