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विश्व प्रवासी पक्षी दिवस कोट्स|World Migratory Bird Day Qouts

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विश्व प्रवासी पक्षी दिवस कोट्स (World Migratory Bird Day Qouts)-प्रवासी पक्षी, प्रकृति का चमत्कार हैं।* वे सीमाओं को पार करते हैं, मौसम के इशारे समझते हैं, और पृथ्वी के पारिस्थितिक संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पर वासी पक्षियों के संरक्षण के लिए आवाज़ उठाएं। नीचे दिए गए कोट्स जागरूकता फैलाने का एक प्रयास हैं *विश्व प्रवासी पक्षी दिवस हर साल दो बार मनाया जाता है — मई और अक्टूबर में।10 मई 2025 (वसंत) और *11 अक्टूबर 2025 (शरद) यह दिन दुनिया भर में प्रवासी पक्षियों और उनके संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने का अवसर है। 2025 की *-### 🌍 *थीम (2025 Theme)*:“Shared Spaces: Creating Bird-Friendly Cities and Communities”*“साझा स्थान: पक्षी-अनुकूल शहर और समुदाय बनाना”इस साल की थीम हमें यह याद दिलाती है कि हम और पक्षी एक ही धरती के वासी हैं। हमें ऐसे शहर और समुदाय बनाने होंगे जो पक्षियों के लिए सुरक्षित और मैत्रीपूर्ण होंविश्व प्रवासी पक्षी दिवस* का उद्देश्य प्रवासी पक्षियों के संरक्षण, उनके आवास की रक्षा, और मानव-प्रकृति सहअस्तित्व की आवश्यकता को उजागर करना है।हर साल मई और अक्टूबर में मनाया जाने वाला यह दिन हमें याद दिलाता है कि पक्षियों की निःस्वार्थ उड़ानें केवल सौंदर्य नहीं, बल्कि पारिस्थितिक संतुलन का आधार हैं।2025 की थीम “Shared Spaces” हमें प्रेरित करती है कि हम ऐसे समुदाय बनाएं जो न सिर्फ इंसानों के लिए, बल्कि पक्षियों के लिए भी सुरक्षित और जीवनदायिनी होंचलिए, आज के इस विशेष दिन पर, हम पक्षियों के प्रति अपनी संवेदनाओं को इन सुंदर पंक्तियों में समर्पित करें…ताकि हम सब मिलकर इन पंखों वाली ज़िंदगियों को बचा सआज, ये सुंदर पक्षी खतरे में हैं — मानव गतिविधियों, जलवायु परिवर्तन, और आवास की कमी के कारण।इस विशेष दिवस पर,।

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस कोट्स|World Migratory Bird Day Qouts
विश्व प्रवासी पक्षी दिवस कोट्स|World Migratory Bird Day Qouts

पंखों की कोई सीमा नहीं होती,
प्रवासी पक्षी हमें यही सिखाते हैं –
उड़ान जीववान है,
और संरक्षण उसका सम्मान।”

2.
“हर प्रवासी पक्षी एक विश्व प्रसंदेश लाता है —
धरती के संतुलन का,
प्रकृति की आवाज़ का,
और हमारी ज़िम्मेदारी का।”

3.
“जहां पक्षी स्वतंत्र उड़ते हैं,
वहीं असली हरियाली बसती है।”

4.
“पक्षी उड़ते हैं तो मौ हैं,
तो खतरे की घंटी बजती है।”

5.सम बदलते हैं,
पर जब वो रुक जाते
“प्रवासी पक्षी वो दूत हैं
जो देशों की सीमाओं से परे
प्रकृति का संदेश लेकर आते हैं।”

6.
“अगर पक्षियों की उड़ान थम जाए,
तो समझो धरती बीमार है।”

7.
“प्रवासी पक्षी न हों तो मौसम की पहचान भी खो जाए।”

8.
“हर उड़ती चिड़िया, एक जीवित कविता है —
उसे उड़ने दो, उसे जीने दो।”

9.
“पक्षियों की चहचहाहट,
प्रकृति की मुस्कान है —
इसे खामोश मत होने दो।”

10.
“जैसे पक्षी रास्ता नहीं पूछते,
वैसे ही हमें उनकी राह में बाधा नहीं बननी चाहिए।”

11.
“प्रवासी पक्षी प्रकृति के प्रेमपत्र हैं —
हमें बस उन्हें पढ़ना और सहेजना है।”

10.
पंखों में है उड़ान, पर ज़मीन पर चाहिए सम्मान।
संरक्षण ही है जीवन का समाधान।
Pankhon mein hai udaan, par zameen par chahiye sammaan. Sanrakshan hi hai jeevan ka samadhan.

11.
जहाँ प्रवासी पक्षी आते हैं, वहाँ जीवन मुस्कुराता है।
उन्हें बचाइए, ताकि प्रकृति गा सके गीत।
Jahan pravasi pakshi aate hain, wahan jeevan muskurata hai. Unhe bachaiye, taaki prakriti gaa sake geet.

12.
पंखों के पीछे छुपी होती है प्रकृति की पुकार,
उसे सुनो, उससे प्यार करो बारम्बार।
Pankhon ke peeche chhupi hoti hai prakriti ki pukaar, Use suno, usse pyaar karo baarambaar.

13.
प्रवासी पक्षी सिर्फ उड़ते नहीं,
वे पर्यावरण की कहानी भी कहते हैं।
Pravasi pakshi sirf udte nahi, Ve paryavaran ki kahani bhi kehte hain.

14.
हर मौसम की गवाही होते हैं ये पक्षी,
इनके बिना अधूरी सी लगती है धरती।
Har mausam ki gawahi hote hain ye pakshi, Inke bina adhoori si lagti hai dharti.

15.
जब पंख फैलते हैं, तो सीमाएं मिट जाती हैं,
पर मानव की लापरवाही उन्हें खतरे में डालती है।
Jab pankh failte hain, to seemaayein mit jaati hain,

Par maanav ki laparwahi unhe khatre mein daalti hai.

16.
पक्षियों की उड़ान में है पृथ्वी की कहानी,
उनके बिना अधूरी है ये हरियाली और रवानी।
Pakshiyon ki udaan mein hai prithvi ki kahani,

Unke bina adhoori hai ye hariyali aur rawani.

17.
अगर आज हमने आवाज़ न उठाई,
तो कल ये उड़ानें सिर्फ याद बन जाएँगी।
Agar aaj humne aawaaz na uthai, To kal ye udaanein sirf yaad ban jaayengi.

18.
आसमान में उनका होना,
धरती पर हमारे अच्छे कल की निशानी है।
Aasmaan mein unka hona, Dharti par hamare acche kal ki nishani hai.

19.
हर उड़ान बताती है – प्रकृति को बाँधो नहीं,
बल्कि उसे खुला छोड़ो, संजो कर रखो।
Har udaan batati hai – prakriti ko baandho nahi, Balki use khula chhodo, sanjho kar rakho.

20.
प्रवासी पक्षी जब लौटते हैं,
तो वो सिर्फ पर नहीं लाते, उम्मीदें भी लाते हैं।
**Pravasi pakshi jab lautte hain,
To wo sirf par nahi laate, umeedein bhi laate ha

21.
उड़ती हुई ये चिड़ियाँ हमें सिखाती हैं,
कि जीवन हर दिन एक नई दिशा पाती है।
Udti hui ye chidiyaan humein sikhati hain, Ki jeevan har din ek nai disha paati hai.

22.
धरती पर जब ये पंख फैलाते हैं,
तो पर्यावरण में जीवन लौटाते हैं।
Dharti par jab ye pankh failaate hain, To paryavaran mein jeevan lautaate hain.

23.
उनकी चहचहाहट से सुबहें सजती हैं,
उनके बिना खामोशियां बसती हैं।
Unki chahchahaahat se subahein sajti hain, Unke bina khaamoshiyan basti hain.

24.
पक्षी उड़ते हैं, लेकिन उनका बसेरा ज़रूरी है,
वरना उनके गीतों का मौन अधूरी मजबूरी है।
Pakshi udte hain, lekin unka basera zaroori hai, Warna unke geeton ka maun adhoori majboori hai.

25.
जब पक्षी रुक जाते हैं, तो समझो कुछ टूटा है,
कहीं न कहीं हमारे व्यवहार में दोष छूटा है।
Jab pakshi ruk jaate hain, to samjho kuch toota hai, Kahin na kahin hamare vyavhaar mein dosh chhoota hai.

26.
हमें नहीं चाहिए वो विकास,
जिसमें पक्षी भी न रह पाए पास।
Humein nahi chahiye wo vikas, Jismein pakshi bhi na rah paaye paas.

27.
प्रवासी पक्षी न हों बेघर,
ये हमारी ज़िम्मेदारी है हर पहर।
Pravasi pakshi na hon beghar, Ye hamari zimmedaari hai har pahar.

28.
आओ कुछ पेड़ लगाएं,
ताकि पक्षी लौटकर फिर से गाएं।
Aao kuch ped lagaayein, Taaki pakshi lautkar phir se gaayein.

29.
प्रवासी पक्षी हों सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण,
यही है उनके लिए सबसे सुंदर सम्मान।
Pravasi pakshi hon surakshit aur swachh vaataavaran, Yahi hai unke liye sabse sundar sammaan.

30.
पक्षी हैं प्रकृति के शिल्पकार,
उन्हें बचाना है हर हाल में बारम्बार।
Pakshi hain prakriti ke shilpkaar, Unhe bachana hai har haal mein baarambaar.

31.
हर साल लौटते हैं, बिना किसी पासपोर्ट के,
इन पंखों की यात्रा है सबसे सच्ची कहानी धरती पे।
Har saal lautte hain, bina kisi passport ke, In pankhon ki yatra hai sabse sacchi kahani dharti pe.

32.
जो पंछी हमें गीत सुनाते हैं,
क्या हम उनके लिए घर बचा पाते हैं?
Jo panchhi humein geet sunaate hain, Kya hum unke liye ghar bacha paate hain?

33.
विकास की दौड़ में न भूलो उनकी पुकार,
पक्षी बिना ये संसार लगेगा बेज़ार।
Vikaas ki daud mein na bhoolo unki pukaar, Pakshi bina ye sansaar lagega bezaar.

34.
अगर हम चुप रहेंगे, तो उनकी चहचहाहट भी चुप हो जाएगी,
और ये दुनिया एक शोरभरी खामोशी में खो जाएगी।
Agar hum chup rahenge, to unki chahchahaahat bhi chup ho jaayegi, Aur ye duniya ek shorbhari khaamoshi mein kho jaayegi.

35.
हर पंख कहता है – मुझे बचाओ,
अपने स्वार्थ से थोड़ा हट जाओ।
Har pankh kehta hai – mujhe bachao, Apne swaarth se thoda hat jao.

36.
जब आखिरी पक्षी उड़ जाएगा,
तब हमें एहसास होगा कि हमने क्या खोया है।
Jab aakhiri pakshi ud jaayega, Tab humein ehsaas hoga ki humne kya khoya hai.

37.
प्रवासी पक्षी हैं जलवायु संकेत,
इनकी रक्षा करो – यही है श्रेष्ठ नेक।
Pravasi pakshi hain jalvayu sanket, Inki raksha karo – yahi hai shreshth nek.

38.
पंखों को चाहिए खुला आकाश,
मत करो जंगलों का विनाश।
Pankhon ko chahiye khula aakaash, Mat karo jangalon ka vinaash.

39.
हर उड़ान एक संदेश है,
प्रकृति को बचाना आज का विशेष है।
Har udaan ek sandesh hai, Prakriti ko bachana aaj ka vishesh hai.

40.
जहां पक्षी न रहें, वहां जीवन भी ठहर जाता है,
इसलिए इनका बचाव, प्रकृति का सम्मान कहलाता है।
Jahan pakshi na rahein, wahan jeevan bhi thahar jaata hai, Isliye inka bachaav, prakriti ka sammaan kehlaata hai.

41.
पंखों को उड़ने दो, रुकावटें मत बनो,
धरती की सुंदरता को तुम यूं ना छीनो।
Pankhon ko udne do, rukawatein mat bano, Dharti ki sundarta ko tum yun na cheeno.

42.
हर उड़ान है पर्यावरण की पुकार,
सुनो, वरना खो दोगे अनमोल उपहार।
Har udaan hai paryavaran ki pukar, Suno, warna kho doge anmol uphaar.

43.
पक्षी अगर ना लौटे, तो ऋतुएँ भी रूठेंगी,
बिना उनके प्रकृति अधूरी ही दिखेगी।
Pakshi agar na laute, to rituyen bhi roothenge, Bina unke prakriti adhoori hi dikhegi.

44.
हमने घर छीने उनके आसमान से,
अब वो रास्ते भटकते हैं इंसान की पहचान से।
Humne ghar chheene unke aasmaan se, Ab wo raste bhatakte hain insaan ki pehchaan se.

45.
वो पंछी जो सीमा नहीं जानते,
अब हमारी लापरवाही से त्रस्त हैं उनके रास्ते।
Wo panchhi jo seema nahi jaante, Ab hamari laaparwahi se trast hain unke raste.

46.
प्रवासी पक्षी बताते हैं मौसम की चाल,
उनकी रक्षा है हमारी ज़िम्मेदारी हर हाल।
Pravasi pakshi batate hain mausam ki chaal, Unki raksha hai hamari zimmedaari har haal.

47.
हमारा एक पेड़, उनका एक बसेरा,
आओ मिलकर दें उन्हें नया सवेरा।
Hamara ek ped, unka ek basera, Aao milkar den unhe naya savera.

48.
अगर प्रकृति एक गीत है,
तो पक्षी उसकी धुन हैं, मिठास हैं।
Agar prakriti ek geet hai, To pakshi uski dhun hain, mithaas hain.

49.
हर पंख का फड़फड़ाना एक चेतावनी है,
हम जो कर रहे हैं, वो सही नहीं है।
Har pankh ka phadphadana ek chetavni hai, Hum jo kar rahe hain, wo sahi nahi hai.

50.
बचपन में किताबों में पढ़े थे जिन पक्षियों के नाम,
अब वो नज़रों से ही हो गए हैं गुमनाम।
Bachpan mein kitaabon mein padhe the jin pakshiyon ke naam, Ab wo nazron se hi ho gaye hain gumnaam.

51.
धरती पर हर उड़ता पक्षी एक साक्षी है,
कि हमने कितना कुछ खोया, यह उसकी आँखों में झाँकी है।
Dharti par har udta pakshi ek saakshi hai, Ki humne kitna kuch khoya, yeh uski aankhon mein jhaanki hai.

52.
जब आसमान से पक्षी गायब होते हैं,
तो पर्यावरण भी दम तोड़ने लगता है।
Jab aasmaan se pakshi gayab hote hain, To paryavaran bhi dam todne lagta hai.

53.
उनके लौटने की आस होनी चाहिए,
हमारी धरती उनके काबिल होनी चाहिए।
Unke lautne ki aas honi chahiye, Hamari dharti unke kaabil honi chahiye.

54.
जो चुपचाप दूर देशों से आते हैं,
वो चिड़ियाँ पर्यावरण के प्रहरी कहलाते हैं।
Jo chupchaap door deshon se aate hain, Wo chidiyan paryavaran ke prahari kehlaate hain.

55.
पंखों में होती है उम्मीद की हवा,
उन्हें काटना हमें कहीं नहीं ले जाएगा।
Pankhon mein hoti hai umeed ki hawa, Unhe kaatna humein kahin nahi le jaayega.

56.
हर मौसम उनकी राह देखता है,
क्योंकि उनका आना जीवन को सजीव करता है।
Har mausam unki raah dekhta hai, Kyunki unka aana jeevan ko sajeev karta hai.

57.
पक्षियों की चहचहाहट में छिपा है जीवन का राग,
उस राग को बचाना हमारा है आज का अभाग।
Pakshiyon ki chahchahaahat mein chhipa hai jeevan ka raag, Us raag ko bachana hamara hai aaj ka abhaag.

58.
जब पंख थकते हैं, तो पेड़ उन्हें सहारा देते हैं,
और जब पेड़ नहीं होते, तो वो थककर मर जाते हैं।
Jab pankh thakte hain, to ped unhe sahaara dete hain, Aur jab ped nahi hote, to wo thakkar mar jaate hain.

59.
प्रवासी पक्षी हमारी चेतना के दूत हैं,
उनकी चुप्पी, हमारे लिए सबसे बड़ी सच्चाई है।
Pravasi pakshi hamari chetna ke doot hain, Unki chuppi, hamare liye sabse badi sachchai hai.

60.
आओ आज प्रण लें,
कि हर पक्षी को फिर से उसका गगन दें।
Aao aaj pran len, Ki har pakshi ko fir se uska gagan den.

प्रवासी पक्षी

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