विश्व कविता दिवस 2024उद्धरण / विश्व कविता दिवस शुभकामना संदेश /World Poetry Day qots

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विश्व कविता दिवस 2024उद्धरण / विश्व कविता दिवस शुभकामना संदेश /World Poetry Day qots–दोस्तों आज के आर्टिकल में बात करेंगे विश्व कविता दिवस की इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य यूनेस्को द्वारा राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कविता आंदोलनों को नई मान्यता और प्रोत्साहन देनाअर्थात कवियों को समानं देना है जिसकी सुरुवात 1999 में हुई आज की पोस्ट में कविताओं और कवियों पर बात होगी उम्मीद करती हूँ आपको जरूर पसंद आएगी

विश्व कविता दिवस उद्धरण
विश्व कविता दिवस शुभकामना संदेश
विश्व कविता दिवस कब मनाया जाता है
विश्व कविता दिवस 202
हम विश्व कविता दिवस, 2023 कब मनाते हैं?
विश्व कविता दिवस 21 मार्च
विश्व कविता दिवस पर कविता
विश्व कविता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
विश्व कविता दिवस कब है
विश्व कविता दिवस मनाया जाता है

विश्व कविता दिवस उद्धरण

विश्व कविता दिवस उद्धरण
विश्व कविता दिवस उद्धरण

1

कविता है कवियों के दिल का उदगार
करते हैं कवि कविता से व्यक्त अपने विचार
kavita hai kaviyon ke dil ka udagaar
karate hain kavi kavita se vyakt apane vichaar

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कविता पाठको के दिल में अपने विचारों को पहुचाने का एक सफल और सरल माध्यम है विश्व कविता दिवस की शुभकामना

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आओ करें 🙏🙏 उन कवियों को नमन 🙏🙏जिनकी कविता करतीं मार्ग दर्शन विश्व कविता दिवस की शुभकामना

3

कवि होते हैं पथ प्रदर्शक करते सदा मार्ग दर्शन विश्व कविता दिवस की शुभकामना

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विश्व कविता दिवस मनाओ कवियों को शीस नवाओ 🙏🙏विश्व कविता दिवस की शुभकामना

कवियों की कला अद्भुत होती है कठिन बात को सरल बनाने की अद्भुत कला होती है विश्व कविता दिवस की शुभ कामना
aviyon kee kala adbhut hotee hai kathin baat ko saral banaane kee adbhut kala hotee hai vishv kavita divas kee shubh kaamana

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आया व कविता दिवस का दिन समाज अधूरा है कवियों के विन विश्व कविता दिवस की शुभकामना

aaya va kavita divas ka din samaaj adhoora hai kaviyon ke vin vishv kavita divas kee shubhakaamana

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कवि समाज को आइना दिखाते हैं कवि हमें सच से मिलाते हैं विश्व कविता दिवस की शुभकामना

kavi samaaj ko aaina dikhaate hain kavi hamen sach se milaate hain

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कहते हैं जहाँ न पहुचे रवि यानी सूर्य वहां पहुचे कवि विश्व कविता दिवस की शुभकामना
kahate hain jahaan na pahuche ravi yaanee soory vahaan pahuche kavi vishv kavita divas kee shubhakaamana

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कवि की कविताओं में श्विरंगार भी है , वीरता भी है प्श्वरेम और वियोग भी है कविता दिवस की शुभकामना
kavi kee kavitaon mein shvirangaar bhee hai , veerata bhee hai pshvarem aur viyog bhee hai kavita divas kee shubhakaamana

9

कवि समाज का आइना है विश्व कविता दिवस की शुभकामनाएँ
kavi samaaj ka aaina hai vishv kavita divas kee shubhakaamanaen

विश्व कविता दिवस शुभकामना संदेश

विश्व कविता दिवस शुभकामना संदेश
विश्व कविता दिवस शुभकामना संदेश

10

कवियों का करें सम्मान अद्भुत है कवियों का ज्ञान विश्व कविता दिवस की शुभकामनाएँ.
kaviyon ka karen sammaan adbhut hai kaviyon ka gyaan vishv kavita divas kee shubhakaamanaen

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कवि जहां हमारे पथ प्रदर्शक करें इन्हें नतमस्तक विश्व कविता दिवस की शुभकामनाएँ.
kavi jahaan hamaare path pradarshak karen inhen natamastak vishv kavita divas kee shubhakaamanaen.

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कविता दिल से दिल में उतरती है सच जाने की भावना उतपत्र कराती है विश्व कविता दिवस की शुभकामनाएँ.
kavi jahaan hamaare path pradarshak karen inhen natamastak vishv kavita divas kee shubhakaamanaen.

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आओ मिलजुल विश्व कविता दिवस मनाएं आप सबको विश्व कविता दिवस की शुभकामनाएं
aao milajul vishv kavita divas manaen aap sabako vishv kavita divas kee shubhakaamanaen

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कविता दिवस मनाएं कवियों को कवि दिवस पर बधाई
kavita divas manaen kaviyon ko kavi divas par badhaee

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कविता है भावना का उदगार सभी कवियों को नमन और साभार
kavita hai bhaavana ka udagaar sabhee kaviyon ko naman aur saabhaar

World Poetry Day qots

World Poetry Day qots
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कविता सबके मन की गहराई में उतरकर
जीवन को रख देती है बदलकर
kavita sabake man kee gaharaee mein utarakar
jeevan ko rakh detee hai badalaka

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कवियों का अद्वितीय ज्ञान और कला को दें मान कवि दिवस पर दें कवियों को समान्न्नकवि दिवस की शुभकामनाएं।
kaviyon ka adviteey gyaan aur kala ko den maan kavi divas par den kaviyon ko samaannnakavi divas kee shubhakaamanaen.

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कवियों की सृजनात्मकता और ज्ञान कवियों को दें सम्मान कवि दिवस की शुभकामनाएं।
kaviyon kee srjanaatmakata aur gyaan kaviyon ko den sammaan kavi divas kee shubhakaamanaen.

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कवियों की संवेदनशीलता और अद्भुत कला हमें सिखाती है कि जीवन की सच्चाई को कैसे प्रेम, सहयोग, और समझ से देखा जा सकता है।
कवि दिवस की शुभकामनाएं।

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जीवन की सच्चाई को कैसे प्रेम, सहयोग, और समझ से केसे खुद को निखारें सीख लो कवियों से कवि दिवस की शुभकामनाएं।
jeevan kee sachchaee ko kaise prem, sahayog, aur samajh se kese khud ko nikhaaren seekh lo kaviyon se kavi divas kee shubhakaamanaen.

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कविता की मधुर बोल और मधुर ब्यवहार को दें अपना प्यार कवि दिवस की शुभकामनाएं।

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सभी कवियों को उनके अद्वितीय और संवेदनशील कला को प्रणाम कवि दिवस की शुभकामनाएं।
sabhee kaviyon ko unake adviteey aur sanvedanasheel kala ko pranaam kavi divas kee shubhakaamanaen.

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कवि दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं, आपकी कलाओं का अभिनंदन।और बधाई कवि दिवस की शुभकामनाएं।
kavi divas kee haardik shubhakaamanaen, aapakee kalaon ka abhinandan.aur badhaee kavi divas kee shubhakaamanaen.

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कवियों की कविताएं हमें सकारात्मक परिवर्तन लाने की प्रेरणा देती हैं।कवि दिवस की शुभकामनाएं।
kaviyon kee kavitaen hamen sakaaraatmak parivartan laane kee prerana detee hain.kavi divas kee shubhakaamanaen.

FAQ

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विश्व कविता दिवस क्यों मनाया जाता है?

विश्व के सभी कवियों को याद करते हुए तथा उनका आभार व्यक्त करने के लिए विश्व कविता दिवस मनाया जाता है
दुनिया की सबसे बड़ी कविता कौन सी है?
सबसे प्रसिद्ध कविता कौन सी है?

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क्या विश्व कविता दिवस की कोई थीम है?

2024 में विश्व कविता दिवस का उद्देश्य या विषय व थीम प्राचीन भाषाओं के अस्तित्व, दुनिया के विकास और दुनिया के ज्ञानोदय में कविता की भूमिका को याद करना


कविता का उद्देश्य क्या है?
हिंदी दिवस की थीम क्या है?

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विश्व कविता दिवस कब मनाई जाती है?

विश्व कविता दिवस प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को मनाया जाता है


कविता का क्या महत्व है?
क्या आज राष्ट्रीय कविता दिवस है?

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विश्व कविता दिवस की शुरुआत किसने की?

विश्व कविता दिवस यूनेस्को ने की

काश कोई ऐसी कविता हे कवि तुम बनाते
जिसको सुन के सभी राग द्वेष मिट जाते

अच्छी कविता सच्ची कविता हो

आज की कविता मात्र हंसी का जरिया न हो

कविता के शदों में खोजो समाज की पीड़ा
हल भी अर्थ में मिलेगा समस्या दूर करने का उठाओ बीड़ा

राष्ट कवि दिनकर की कविता राशिमरथी का सार
दर्द समझो उस समाज का जिसको दलित कह कतरते तिरष्कार


आज विश्व कविता दिवस है?
राष्ट्रीय कविता दिवस के लिए क्या करना चाहिए?
हिंदी पुराने कवियों की प्रसिद्ध कविताएं
हिंदी की महान कविताएं

विषय — प्रिय पाठकों आज का विषय है तालीबानियों का खौफ  आज जो  अफगानिस्तान मे हो रहा है  इसका जिम्मेदार दुनियाँ बेशक अमेरिका को ठहराए परंतु  क्या यह बात सच नहीं की वहाँ की सरकार , जनता ,और सैनिक  इसके सबसे बड़े दोषी है परंतु जो भी हो इंसानियत को कुचलते देख कर सारी दुनियाँ तमासबीन बनी है  आखिर क्यू 

खौफ ए तालिबान   बेखौफ तालिबान 

 

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छा  गया  इंसा  पर तालिबानी  खौफ 
मर  रहा  इंसा की आख का पानी  
कर रहा कुदरत के आगे मनमानी 
खेल मौत का खेलता  बेखौफ

हो रही औरत   बेआबरु  सरे आम 
कुचल रहे अस्मत उसकी  सरे आम 
हो रही है  इज्जत  उसकी  नीलाम 
छा रहा खौफ ए   तालिबान 
माएं ममता का दम घुटते देख रो रही 
अपने घरौंदे को उजड़ते देख  रो रही 
सुनाई दे रही  चीखो पुकार  
हो रही इंसानियत शर्मशार 
अधर्म का मंजर देखो  क्या कह रहे 
अधर्मी खुद को धर्म  का रक्षक कह रहे 
बंदूक  का भय दिखा खामोश कर रहे 
इंसा को  निस्तो नाबूत  तलाबीनानी कर रहे 
देख रहा खड़ा  तमाशा  संसार 
आपसी मामला  बताइंसानियत  है शर्मशार 
बेखौफ  हो रहे  खौफ ए तालिबान 
 खड़ा  हो रहा सीना तान 
जश्न मनाते तालिबानी 
इंसा का दर्द देख आज इंसा खुस हो रहा 
मरते तड़फते देख इंसा को  चुप हो रहा 
भला कब से जुर्म   किसी का निजी मामला हुआ/?
देखोगे कब तक  तमाशा बेखौफ तालिबान हो रहा  
 इंसा को जिंदा  खा रहे नरभक्षी  
औरत को बेआबरू कर रहे अधर्मी 
खौफ का मजर  से काप रही जमी 
भय पैदा कर रहे बेखौफ तालिबानी 
 क्यू अफगानी लाखों सैनिक  भय खा गए 
हजारों  तालिबानी के भय से  मर गए 
मुर्दे सैनिक    खाक  रखवाली करते 
अच्छे लगोगे अब तालिबानी का पानी भरते 
देश  की खातिर मर तुम अमर हो जाते 
लाखों सर तुम्हारी सजदा करते \
अफ़गान  के इतिहास मे स्वर्णिमअक्षरों  मे नाम होता 
इस कदर  बेआबरू तुम  न सरेआम होते 
खौफ मे महिलाएं 
गुलामी  गुमनामी से मौत बेहतर 
भय  मौत से भी है बदतर 
मर गए तुम  जीते जी जिंदा होकर 
अब रहो  बेखौफ तालीबानियों  के गुलाम होकर 
तुम  चार लाख होकर भी  खाख हो गए 
अपनी ही जमी पर गुमनाम हो गए 
फर्ज अपना  भूलकर   भयभीत हुए 
तालबानी  गुलफाम  तुम गुलाm

सैनिक   बने  लाचार 

  देख  औरतों और बच्चों की चीख पुकार 

सैनिक होकर क्यू नहीं हुए शर्मसार 

     देश की माटी से गद्दारी कर गए 

      तय है तुम तालीबानियों के हाथों मर गए 

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मन कविता

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मन ही तड़फन मन ही उलझन
पीड़ा पल पल देता है मन
मन ही ठराव मन ही फैलाव
जीवन भर उलझा रहता मन
रे मन तेरा आवारपन
अजब सी है मन कई उलझन
मन को भाए न कोई महफ़िल
न तनहाई न अकेलापन
रे मन तेरा आवारपन
मृगतर्षणा मे भटक राय मन
देख न पाए रे मन दर्पण
काहे भटकता सारे जीवन
रे मन तू कितना भ्रमित
हर क्षण तू रहता बिचलित
निज कर्म से ही रहता कुंठित
धर्म कर्म न सोचे किंचित

मन जीवन भर रहा भर रहे भटकता
खुद चला जाए औरों को भी छलता
नित माया मे उलझा रहता
अंत समय मे है पछताता
रे मन जीवन भर खिसिया खोजता
भीड़ मे खुद कई खोज मे भटकता
मरत्यु अटल है सत्य को भूलता
अंत मेसब छोड़ के जाता
रे मन काश खुद को पा जाता
खुद मे ही ईश्वर पा जाता
परहित मे खुद का सुख पा जाता
फिर तू ही महा मानव बन पाता                                   

हिन्दी कविता कागज की कश्ती

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कागज की कश्ती सा जीवन है अपना
एक महल बनाते नित बुनते है सपना
यहाँ कोई पराया नहीं है हर कोई है अपना
कागज की कसती सा जीवन है अपना
कागज की कश्ती सा जीवन हमारा
दूर बहुत मंजिल न कोई किनारा
सफर है दरिया का केसे पहुचें किनारा
कागज की कश्ती सा जीवन हमारा
कागज की कश्ती सा जीवन हमारा
है खौफ लहरों का नहीं कोई सहारा
कब मिट जाए हस्ती ये कागज की कश्ती
कागज की कश्ती सा जीवन हमार
कागज की कश्ती का वजूद यहाँ क्या
क झोंका वक्त की आंधी का
मिट जाए कागज की कश्ती
गज कि कश्ती सा जीवन हमारा
कागज की कश्ती सा जीवन हमारा
एक ख्वाब का महल है जीवन डोर
न इसका ठिकाना न इसका छोर
कागज की कश्ती सा जीवन हमारा
कागज की कश्ती सा जीवन का अंत
एक पल में छूटते जीवन रूपी बसंत
रहा कौन भला यहाँ जीवन पर्यन्त
कागज की कश्ती सा जीवन काबसंत

हिन्दी कविता इंसानhindi kvita insan

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ए दिल अब जीवन मे कोई
नया गीत गाया जाए
बहुत हुआ अब नफरत छोड़
हर लब को मुस्कान से सजाय जाए
हर दर्द को महसुश कर सरे
आम न मजाक बनाया बनाया जाए
हर हादसे को धर्म और सियासत का
जामा न पहनाया जाए
ढह चुकी है इंसानियत
नफ़रतों की आंधी से
मिलता नहीं इंसान इंसान
से भाईचारे की तबीयत से
हर सखश खुद को ढूँढता
फिर रहा दुनियाँ की भीड़ मे
पागल सा हुआ फिर
रहा मरग तर्षणा मे
जिए जा रहा क्यू हर
शख्स ऐसे जमाने मे
जैसे सदा के लिए
आया हो जमाने मे
भूल स गया अंजाम हुआ
क्या सिकंदर का जहां मे
रहता नहीं को नाम ओ नीसान
दौलत का जमाने मे
हो जाना है इक दिन
सबको सपुरते खाक
रह जाएगी निसानी
अपनी महज मु ट्ठी भर खाक
वक्त रहते गर हो
सके तो इंसान तू जाग
गले इंसानियत को लगा
कर नफ़रतों का त्याग

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