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लक्षद्वीप/Lakshadweep

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लक्षद्वीप/Lakshadweep -हल्लो दोस्तों यूँ तो लक्षद्वीप हमारे ही देश का एक केंद्र प्र्शातित प्रदेश हैं ,पर आजकल यह खासा चर्चे में इसलिए है क्युकी यहां हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद मोदी यात्रा परं गए तो मैंने सोचा थोड़ा हम भी जानें इस द्वीपों के समूह वाले प्रदेश को दोस्तों यात्रा बेहद जरूरी है इंसान के लिए अब अपने ही देश में रहकर हम अगर अपने राज्यों की भषा वेश भूषा को नहीं जानते तो यह हमारी यात्रा के प्रति उदासीनता को दर्शाता है चाहे जो भी दोस्तों बाहरी आक्रन्ताओं और अंग्रेजों के आने से बेशक यहां के नाम गुणों में परिवर्तन आया हो परन्तु पहले इस पर केवल सनातन का ही राज् रहा है पुरातात्विक साक्ष्य बताते हैं कि पाँचवीं और छठी शताब्दी ईस्वी के दौरान इस क्षेत्र में बौद्ध धर्म प्रचलन में था। लोकप्रिय परम्परा के अनुसार, 661 ईस्वी में उबैदुल्लाह द्वारा इस्लाम को लक्षद्वीप पर लाया गया था | यहां पुर्तगाली आए थे जो यहां से भगा दिए गए अरब यात्री इब्न-बतूता की कहानियों में द्वीपों का भी विस्तार से उल्लेख है उम्मीद करूंगी आज का यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आएगीतो चलिए जानते हैं द्वीपों के समूह को


लक्षद्वीप कैसे जाये
लक्षद्वीप कहां स्थित है
लक्षद्वीप जाने का खर्चा
मंगला लक्षद्वीप एक्सप्रेस 12618
लक्षद्वीप टूर पैकेज
अरबी समुद्रातील लक्षद्वीप
लक्षद्वीप की जनजाति
लक्षद्वीप कहाँ स्थित है
लक्षद्वीप एवं अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह की स्थिति बताएं

लक्षद्वीप/Lakshadweep

लक्षद्वीप भारत का एक केंद्र प्रसासित प्रदेश है साथ ही यह एक जिला भी है , लक्षद्वीप संस्कृत शब्द से बना है लक्ष +लाख +द्वीप + लाख द्वीप द्वीपों के का समूह जो किसी सागर और झीलों में स्थितं द्विपु के समूह को कहते हैं भारतं के दक्षिण पश्चिमी तट से 200 -४२० किलोमीटर तक फैला द्वीपों के समूह को लक्षद्वीप कहते हैं ,क्या आप जानते हैं लक्षदीप को पहले लक्कादीव-मिनिकॉय-अमिनीदिवि के नाम से जानते थे यह भारत का सबसे छोटा केंद्र प्रससित प्रदेश है इस क्षेत्र के कुल 10 उपखण्डों साथ मिलकर एक भारतीय जनपद की रचना करते हैं।,इस की राजधानी कवरत्ती है, और यह द्वीपसमूह केरल उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। यह द्वीपसमूह लक्षद्वीप-मालदीव-चागोस समूह के द्वीपों का सबसे उत्तरी भाग है, और यह द्वीप एक विशाल समुद्रमग्न पर्वत-शृंखला चागोस-लक्षद्वीप प्रवाल के सबसे उपरी हिस्से हैं। लक्ष्द्वीप कोई जनजाति नहीं है इसलिए यहां के इतिहास का कोई स्टिक तथ्य नहीं मिलते हैं विशेषज्ञ और पुरतिनविदों के अनुसार 1500 ईसा पूर्व के आसपास इस क्षेत्र में मानव बस्तियाँ मौजूद थीं। नाविक एक लंबे समय से इन द्वीपों को जानते थे, इसका संकेत पहली शताब्दी ईस्वी से एरिथ्रियन सागर के पेरिप्लस क्षेत्र के एक अनाम संदर्भ से मिलता है। द्वीपों का उल्लेख ईसा पूर्व छठी शताब्दी की बौद्ध जातक कथाओं में भी किया गया है। सातवीं शताब्दी के आसपास मुस्लिमों के आगमन के साथ यहाँ इस्लाम का प्रादुर्भाव हुआ। मध्ययुगीन काल के दौरान, इस क्षेत्र में चोल राजवंश और कैनानोर के साम्राज्य का शासन था। कैथोलिक पुर्तगाली 1498 के आसपास यहाँ पहुँचे, लेकिन 1545 तक उन्हें यहाँ से खदेड़ दिया गया क्या आप जानते हैं लाख द्वीपों के समूह में केवल 10 द्वीपों में मानव बसे हैं यहाँ की अधिकतर यानी 96 %आवादी मुश्लिम है बाकी अल्संख्यक हिन्दू हैं अधिकतर ावादी सुन्नी मुश्लिमों की है द्वीप समूह जातीय रूप से निकटतम भारतीय राज्य केरल के मलयाली लोगों के समान हैं। लक्षद्वीप की अधिकांश आबादी मलयालम बोलती है जबकि और मिनिकॉय द्वीप पर माही या माह्ल भाषा सबसे अधिक बोली जाती है। अगत्ती द्वीप पर एक हवाई अड्डा मौजूद है। लोगों का मुख्य व्यवसाय मछली पकड़ना और नारियल की खेती है, साथ ही टूना मछली का निर्यात भी किया जाता है।

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लक्षद्वीप कैसे जाये- अगत्ती में एक हवाई अड्डा है और कोच्चि को सीधी उड़ान जाती है।

🌊 1. लक्षद्वीप जाने का खर्चा
लक्षद्वीप घूमने का खर्च आपके साधन और रहने के विकल्प पर निर्भर करता है।
👉 अगर आप कोच्चि (Kerala) से जहाज या फ्लाइट से जाते हैं तो औसतन खर्च इस प्रकार होता है:

फ्लाइट (कोच्चि से अगत्ती द्वीप) – ₹4,000 से ₹8,000 (वन वे)
शिप (क्रूज़ सर्विस) – ₹2,500 से ₹5,000 तक
रहना (रिज़ॉर्ट/होटल) – ₹3,000 से ₹10,000 प्रति रात
भोजन और गतिविधियाँ – ₹1,000 से ₹3,000 प्रति दिन
👉 औसतन 3–4 दिन के टूर का कुल खर्चा ₹25,000 से ₹45,000 तक हो सकता है।

🚆 2. मंगला लक्षद्वीप एक्सप्रेस 12618
यह ट्रेन दिल्ली (NZM) से एर्णाकुलम (Ernakulam) तक चलती है, जहाँ से लक्षद्वीप जाने के लिए जहाज या फ्लाइट मिलती है।
📅 रूट: हज़रत निज़ामुद्दीन → भोपाल → नागपुर → पुणे → कोयंबटूर → एर्णाकुलम
🕒 समय: लगभग 48 घंटे का सफ़र
🚉 अंतिम स्टेशन: Ernakulam Jn.
💰 किराया:

स्लीपर – ₹900 से ₹1,000
3AC – ₹2,400
2AC – ₹3,700 के आसपास

🏝️ 3. लक्षद्वीप टूर पैकेज
भारत सरकार और निजी ट्रैवल एजेंसियाँ कई टूर पैकेज देती हैं।
कुछ प्रमुख हैं:

Samudram Package (5 दिन) – ₹25,000 से ₹35,000
Kadmat Island Tour (3 दिन) – ₹20,000 के आसपास
Agatti & Bangaram Island Tour (Luxury) – ₹45,000 से ₹60,000
👉 इन पैकेज में यात्रा, भोजन, वॉटर स्पोर्ट्स और गाइड शामिल होते हैं।

🌅 4. अरबी समुद्रातील लक्षद्वीप (Lakshadweep in Arabian Sea)
लक्षद्वीप भारत का सबसे छोटा केंद्रशासित प्रदेश है जो अरबी सागर (Arabian Sea) में स्थित है।
यह 36 द्वीपों का समूह है, जिनमें से केवल कुछ ही आबाद हैं जैसे — अगत्ती, मिनिकॉय, कदमत, कवरत्ती आदि।
यह जगह अपने नीले पानी, मूंगे (Coral reefs) और समुद्री जीवन (Marine life) के लिए प्रसिद्ध है।

👣 5. लक्षद्वीप की जनजाति
लक्षद्वीप की मुख्य जनजाति है मोपला (Moplah) मुस्लिम समुदाय, जो मलयालम भाषा बोलते हैं और इस्लाम धर्म का पालन करते हैं।
👉 इनके जीवन में समुद्र, नारियल और मछली का विशेष महत्व है।
👉 महिलाएँ पारंपरिक मलयाली परिधान पहनती हैं, और यहाँ की संस्कृति पर केरल का गहरा प्रभाव है।

📍 6. लक्षद्वीप कहाँ स्थित है
लक्षद्वीप भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर अरबी सागर में स्थित है।
यह केरल राज्य के पश्चिम में लगभग 200 से 440 किमी की दूरी पर है।
👉 राजधानी – कवरत्ती (Kavaratti)
👉 क्षेत्रफल – 32 वर्ग किलोमीटर
👉 द्वीपों की संख्या – 36 (10 बसे हुए)

🗾 7. लक्षद्वीप एवं अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह की स्थिति
बिंदु
लक्षद्वीप
अंडमान और निकोबार
स्थिति
भारत के दक्षिण-पश्चिम में, अरबी सागर में
भारत के दक्षिण-पूर्व में, बंगाल की खाड़ी में
राजधानी
कवरत्ती
पोर्ट ब्लेयर
द्वीपों की संख्या
36
लगभग 572
भाषा
मलयालम, अंग्रेज़ी
हिंदी, तमिल, निकोबारी
मुख्य आकर्षण
मूंगे, साफ़ समुद्र, वॉटर स्पोर्ट्स
ट्रेकिंग, मरीन पार्क, सेलुलर जेल

🚢✨ लक्षद्वीप कैसे जाएँ
लक्षद्वीप पहुँचने के दो मुख्य रास्ते हैं —
1. हवाई मार्ग (By Air)
2. समुद्री मार्ग (By Sea / Ship)

🛫 1. हवाई मार्ग से (By Air)
लक्षद्वीप जाने का सबसे तेज़ और आसान तरीका हवाई यात्रा है।

लक्षद्वीप का एकमात्र हवाई अड्डा “अगत्ती एयरपोर्ट (Agatti Airport)” है।
यहाँ तक कोच्चि (Kochi, Kerala) से नियमित फ्लाइट्स चलती हैं।
📍 रूट उदाहरण:
✈️ कोच्चि → अगत्ती द्वीप (Agatti Island)
⏱️ समय: लगभग 1 घंटे की उड़ान
💰 किराया: ₹4,000 से ₹8,000 (सीजन पर निर्भर)

अगत्ती पहुँचने के बाद आप अन्य द्वीपों जैसे कवरत्ती, कदमत, मिनिकॉय आदि पर बोट या हेलिकॉप्टर से जा सकते हैं।

🚢 2. समुद्री मार्ग से (By Ship)
अगर आप रोमांचक सफर पसंद करते हैं तो आप समुद्र के रास्ते (Ship) से भी लक्षद्वीप जा सकते हैं।

जहाज कोच्चि पोर्ट (Cochin Port) से चलकर लक्षद्वीप के विभिन्न द्वीपों तक पहुँचते हैं।
इसमें 5–18 घंटे का समय लग सकता है, दूरी और मौसम पर निर्भर करता है।
🚢 प्रमुख जहाज़ सेवाएँ:

MV Kavaratti
MV Arabian Sea
MV Lagoons
MV Amindivi
💰 टिकट दरें (लगभग):

इकोनॉमी सीट – ₹2,500 से ₹3,000
डीलक्स केबिन – ₹5,000 से ₹8,000
फूड शामिल होता है 🍛
⏱️ यात्रा समय –

कोच्चि से कवरत्ती: लगभग 14–18 घंटे
कोच्चि से अगत्ती: लगभग 16 घंटे

⚠️ यात्रा से पहले जरूरी बातें
✅ परमिट (Entry Permit) –
लक्षद्वीप में प्रवेश के लिए विशेष अनुमति (Entry Permit) लेनी होती है।
यह आप Lakshadweep Administration Website या कोच्चि में SPORTS Office (Society for Promotion of Nature Tourism and Sports) से प्राप्त कर सकते हैं।

✅ विदेशी नागरिकों को भी परमिट आवश्यक है।

✅ यात्रा का सबसे अच्छा समय:
नवंबर से मार्च (इस दौरान मौसम शांत और समुद्र नीला रहता है)।

🌴 संक्षेप में
माध्यम
कहाँ से
कहाँ तक
समय
खर्च
✈️ फ्लाइट
कोच्चि
अगत्ती
1 घंटा
₹4,000–₹8,000
🚢 जहाज
कोच्चि
कवरत्ती/अगत्ती
14–18 घंटे
₹2,500–₹8,000

🇮🇳 1. लक्षद्वीप भारत को कैसे मिला?
लक्षद्वीप का इतिहास बहुत पुराना है —

प्राचीन काल में ये द्वीप केरल (मालाबार तट) के व्यापारियों और नाविकों द्वारा खोजे गए थे।
8वीं सदी में अरब व्यापारियों के आगमन के साथ यहाँ इस्लाम का प्रसार हुआ।
बाद में ये द्वीप कोलाथिरी राजवंश और फिर अरक्कल अली राजाओं (केरल के मुस्लिम शासक) के अधीन रहे।
18वीं सदी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने मालाबार तट के साथ-साथ इन द्वीपों पर नियंत्रण कर लिया।
1947 में भारत की आज़ादी के बाद, ये द्वीप स्वतः भारत का हिस्सा बन गए।
1956 में इन द्वीपों को केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया गया।
1973 में इसका नाम बदलकर “लक्षद्वीप” रखा गया (पहले इसे Laccadive, Minicoy and Amindivi Islands कहा जाता था)।
👉 यानी, लक्षद्वीप भारत को औपनिवेशिक शासन समाप्त होने के बाद मिला और स्वतंत्र भारत का स्थायी हिस्सा बन गया।

🌊 2. लक्षद्वीप क्यों प्रसिद्ध है?
लक्षद्वीप अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समुद्री जीवन के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है 🌴

मुख्य कारण 👇

नीला पारदर्शी समुद्र – यहाँ का पानी इतना साफ़ है कि तल तक दिखाई देता है।
कोरल रीफ़ (Coral Reefs) – यह भारत का सबसे सुंदर Coral Island Group है।
वॉटर स्पोर्ट्स – स्कूबा डाइविंग, स्नॉर्कलिंग, सर्फिंग, पैरासेलिंग जैसी गतिविधियाँ।
शांत वातावरण – भीड़भाड़ से दूर, प्रकृति के बीच शांति और सुकून।
समुद्री जीवन और जैव विविधता – यहाँ अनोखे समुद्री जीव, मछलियाँ और मूंगे पाए जाते हैं।
पर्यावरण अनुकूल पर्यटन (Eco-tourism) – सरकार यहाँ प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखते हुए पर्यटन को बढ़ावा देती है।
👉 संक्षेप में, लक्षद्वीप “भारत का मिनी मालदीव” कहलाता है — क्योंकि यहाँ की सुंदरता और शांत वातावरण बिल्कुल स्वर्ग जैसा है।

🏝️ 3. लक्षद्वीप में कितने द्वीप हैं?
लक्षद्वीप में कुल 36 द्वीप (Islands) हैं।
इनमें से कुछ बसे हुए हैं और कुछ निर्जन हैं।

श्रेणी
संख्या
कुल द्वीप
36
आबाद द्वीप
10
निर्जन द्वीप
26
मुख्य बसे हुए द्वीप:

कवरत्ती (राजधानी)
अगत्ती
मिनिकॉय
कदमत
बिटरा
अंद्रोत्त
कल्पेनी
आमिंदि‍वि
चेतलत
किल्तान
👉 इन सभी द्वीपों का कुल क्षेत्रफल केवल 32 वर्ग किलोमीटर है, लेकिन समुद्री क्षेत्र (Exclusive Economic Zone) बहुत बड़ा है — लगभग 4 लाख वर्ग किलोमीटर!

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