Dr Bhimrao Aambedkar ji Ke janm Divas k Suavsar par-BR Ambedkar Quotes in Hind-हेल्लो दोस्तों आप सबको संबिधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर जीके जन्म दिवस की आप सभी को बहुत बहुत बधाई भारतीय राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक और संबिधान निर्माता बी आर अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। उनके जन्म को भारत में कुछ लोगों द्वारा ‘समानता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है दलितों और कमजोर दबे कुचले लोगों के समाज सेवक बी आर अम्बेडकर का जीवन संघर्ष से भरा रहा दलितों के उत्थान के लिए उनके प्रयास और आज़ाद भारत के संविधान के निर्माण में उनका योगदान बहुत से लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत रहा है. ऊनका कमजोर और दलितों के लिए अपना जीवन अर्पण कर दिया
डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के जन्म दिवस पर शुभकामना संदेश
डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के अनमोल विचार
BR Ambedkar Quotesin Hind
डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के अनमोल विचार

1
बुद्धि का विकास मानक के अस्तिव का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए. वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास भूल जाते हैंBR Ambedkar
2
.
समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा.BR Ambedkar
3
मैं किसी समाज की प्रगति का आकलन यह देखकर करता हूं कि वहां की महिलाओं की स्थिति कैसी है.
जबतक आप सामाजिक स्वतंत्रता हासिल नहीं कर लेते, तब तक आपको कानून चाहे जो भी स्वतंत्रता देता है, वह आपके किसी काम की नहीं होती.BR Ambedkar
4
“जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर लेते, तब तक कानून द्वारा प्रदान की गई कोई भी स्वतंत्रता आपके किसी काम की नहीं है।”BR Ambedkar

5
“एक विचार को प्रचार प्रसार की उतनी ही आवश्यकता होती है, जितनी एक पौधे को सिंचाई की। नहीं तो दोनों सूख जाएंगे और मर जाएंगे।”BR Ambedkar
6
“शिक्षित बनो, संगठित रहो और उत्तेजित बनो।”BR Ambedkar
7
भाग्य में विश्वास रखने के बजाए अपनी शक्ति और कर्म में विश्वास रखना चाहिए।BR Ambedkar
8
एक इतिहास लिखने वाला इतिहासकार सटीक, निष्पक्ष और ईमानदार होना चाहिए।
9
हम सबसे पहले और अंत में भी भारतीय हैं।BR Ambedkar
10
जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए।BR Ambedkar
11
धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए। मैं ऐसे धर्म को मानता हूं, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है।BR Ambedkar
12
अगर हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।BR Ambedkar
13
इतिहास बताता है कि जहां नैतिकता और अर्थशास्त्र के बीच संघर्ष होता है, वहां जीत हमेशा अर्थशास्त्र की होती है।BR Ambedkar
14
बुद्धि का विकास मानव का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। वे इतिहास नहीं बना सकते, जो इतिहास भूल जाते हैं।BR Ambedkar
15
अगर मुझे कभी लगा कि संविधान का गलत प्रयोग हो रहा है तो सबसे पहले मैं ही इसे जलाऊंगाBR Ambedkar
16
संवैधानिक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है, जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर लेतेBR Ambedkar
17
एक महान आदमी एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह से अलग होता है कि वह समाज का नौकर बनने को तैयार रहता है।BR Ambedkar
18
छीने हुए अधिकार भीख में नहीं मिलते, अधिकारों को वसूल करना पड़ता हैBR Ambedkar
19
ज्ञान हर व्यक्ति के जीवन का आधार है।BR Ambedkar
20
एक महान व्यक्ति एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से इस बात में भिन्न होता है कि वह समाज का सेवक बनने के लिए तैयार रहता हैBR Ambedkar
21
जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए।BR Ambedkar
22
न्याय हमेशा समानता के विचार को पैदा करता है।BR Ambedkar
23
एक सुरक्षित सेना एक सुरक्षित सीमा से बेहतर है।BR Ambedkar
24
जो झुक सकता है वो झुका भी सकता है।BR Ambedkar
25
वर्गहीन समाज गढ़ने से पहले समाज को जातिविहीन करना होगा।BR Ambedkar
26
मन का संवर्धन मानव अस्तित्व का अंतिम उद्देश्य होना चाहिए।BR Ambedkar
27
समाजवाद के बिना दलित-मेहनती इंसानों की आर्थिक मुक्ति संभव नहींBR Ambedkar
28
बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।BR Ambedkar
. जैसे मनुष्य नश्वर है, वैसे ही विचार भी हैं। एक विचार को प्रचार की आवश्यकता होती है, जैसे एक पौधे को पानी की आवश्यकता होती है, अन्यथा यह सूख जाता है और मर जाता हैBR Ambedkar
BR Ambedkar Quotes in Hind
15
देश के संबिधान निर्माता के जन्मदिवस का पल आया]
घर घर मंगल औरउत्स्व का पल आया -जन्म दिवस की शुभकामनाएं
desh ke sambidhaan nirmaata ke janmadivas ka pal aaya]
ghar ghar mangal aurutsv ka pal aaya

16
शिक्षा और ज्ञान से कैसे ऊंचा उठें
आओ हम सब बाबा साहेब जी से सीखें
Happy Baba Saheb Ambedkar Jayanti
17
चलो बाबा साहब के जन्म दिन के अवसर पर प्रण लें
शिक्षा की राह बढ़े दबे कुचले लोगों की मदद करें
Happy Baba Saheb Ambedkar Jayanti
chalo saahab ke janm din ke avasar par pran len
shiksha kee raah badhe dabe kuchale logon kee madad karen
happy bab sahaib ambaidkar jayanti
18
नफरत और भेद भाव के घाव के बावजूद कैसे निरंतर आगे बढ़ें
सफलता का परचम लहराना बाबा साहेब से हम सीखें
happy bab sahaib ambaidkar jayanti
napharat aur bhed bhaav ke ghaav ke baavajood kaise nirantar aage badhen
saphalata ka paracham laharaana baaba saaheb se ham seekhen
happy bab sahaib ambaidkar jayanti
19
समाज में अगर हमारे धर्म प्रचारकों और गुरों ने सही तरह बताया होता
तब बाबा साहेब को कभी हिंदुत्व से अलग न होना पड़ता
happy bab sahaib ambaidkar jayanti
samaaj mein agar hamaare dharm prachaarakon aur guron ne sahee tarah bataaya hota
tab baaba saaheb ko kabhee hindutv se alag na hona padata
happy bab sahaib ambaidkar jayanti
20
बाबा साहेब आपका ज्ञान कहता है आप ही सच्चे सनातनी हो
मूर्खों को कैसे समझाएं सनातन संस्कृति और भेद भाव नहीं है
हमें आप पर नाज है आप दबे कुचले लोगों और नारी के मार्गदर्शक हो
happy bab sahaib ambaidkar jayanti
baaba saaheb aapaka gyaan kahata hai aap hee sachche sanaatanee ho
moorkhon ko kaise samajhaen sanaatan sanskrti aur bhed bhaav nahin hai
hamen aap par naaj hai aap dabe kuchale logon aur naaree ke maargadarshak ho
happy bab sahaib ambaidkar jayanti
21
कोई जात पात और धन के आगे सीस नहीं झुकाता है
ज्ञान के आगे सब नतमस्तक होते हैं बाबासाहेब का जीवन सिखाता है
happy bab sahaib ambaidkar jayanti
koee jaat paat aur dhan ke aage sees nahin jhukaata hai
gyaan ke aage sab natamastak hote hain baabaasaaheb ka jeevan sikhaata hai
happy bab sahaib ambaidkar jayanti
21.
जाति और भेदभाव ने कितने सपनों को तोड़ा,
फिर भी आशा कभी नहीं मरती।
22.
शिक्षा के बिना इंसान अधूरा है,
और अज्ञानता सबसे बड़ी सजा है।
23.
स्वतंत्रता का मतलब सिर्फ कानून नहीं,
बल्कि सोच और आत्मा की आज़ादी भी है।
24.
असमान समाज में न्याय पाने के लिए हमें खुद ही खड़ा होना होगा,
समानता का सूरज तभी समाज में उगेगा।
25.
समान अवसर और अधिकार हर इंसान का जन्मसिद्ध हक़ हैं,
सच्चाई और न्याय से ही समाज मजबूत होता है।
26.
अज्ञानता की दीवारें जितनी ऊँची हों,
शिक्षा की मशाल उन्हें हमेशा तोड़ देती है।
27.
मन में डर और भय जितना बड़ा हो,
साहस और आत्मविश्वास उसे हमेशा पार कर सकते हैं।
28.
समानता केवल शब्दों में नहीं,
बल्कि हर कार्य में दिखनी चाहिए।
29.
असमान समाज में संघर्ष करना मुश्किल है,
लेकिन सत्य की राह हमेशा सही होती है।
30.
धर्म और जाति के भेद को मिटाना होगा,
तभी समाज में शांति और न्याय आएगा।
31.
शिक्षा हर व्यक्ति का अधिकार है,
अज्ञानता सबसे बड़ी बेड़ियों में से है।
32.
स्वतंत्रता का मतलब सिर्फ आज़ादी नहीं,
बल्कि विचार और आत्मा की आज़ादी भी है।
33.
असमान समाज में न्याय पाने के लिए खड़े रहना होगा,
सच्चाई और साहस ही हमारा मार्गदर्शन करेगा।
34.
समान अवसर हर इंसान का जन्मसिद्ध अधिकार है,
न्याय के बिना समाज कभी मजबूत नहीं होगा।
35.
जाति और धर्म की बेड़ियों को तोड़ना होगा,
समानता का सूरज तभी समाज में उगेगा।
36.
शिक्षा और ज्ञान के बिना व्यक्ति अधूरा है,
अज्ञानता सबसे बड़ी सजा है।
37.
स्वतंत्रता केवल कानून में नहीं,
बल्कि हमारे विचारों और आत्मा में होनी चाहिए।
38.
असमानता और अन्याय से लड़ना कठिन है,
लेकिन सत्य और न्याय हमेशा जीतते हैं।
39.
समान अवसर और अधिकार हर इंसान का जन्मसिद्ध हक़ हैं,
धैर्य और साहस से ही इसे पाया जा सकता है।
40.
जातिवाद और भेदभाव समाज की सबसे बड़ी बीमारी हैं,
समानता ही इसका इलाज है।
41.
शिक्षा का दीपक अज्ञानता के अंधेरे को मिटाता है,
और जीवन में मार्गदर्शन देता है।
42.
स्वतंत्रता का अर्थ केवल कानून नहीं,
बल्कि आत्मा और मन की आज़ादी भी है।
43.
असमान समाज में न्याय पाने के लिए खड़े रहना होगा,
सच्चाई और साहस ही हमें आगे बढ़ाएंगे।
44.
समान अवसर हर व्यक्ति का अधिकार है,
और न्याय समाज को मजबूत बनाता है।
45.
जाति और धर्म के भेद को मिटाना होगा,
समानता और न्याय से ही समाज आगे बढ़ेगा।
46.
शिक्षा के बिना व्यक्ति अधूरा है,
ज्ञान और सोच से ही समाज मजबूत होता है।
47.
स्वतंत्रता केवल कानून में नहीं,
बल्कि हमारे विचार और आत्मा में भी होनी चाहिए।
48.
असमानता और अन्याय से लड़ना कठिन है,
लेकिन सत्य और साहस हमेशा जीतते हैं।
49.
समान अवसर और अधिकार हर इंसान का जन्मसिद्ध हक़ हैं,
न्याय और ईमानदारी से ही इसे पाया जा सकता है।
50.
जातिवाद और भेदभाव समाज की सबसे बड़ी समस्या हैं,
समानता और शिक्षा ही इसका समाधान हैं।
51.
शिक्षा का दीपक अज्ञानता के अंधेरे को मिटाता है,
सत्य और ज्ञान से जीवन में मार्गदर्शन मिलता है।
52.
स्वतंत्रता का अर्थ केवल कानून नहीं,
बल्कि सोच और आत्मा की आज़ादी भी है।
53.
असमान समाज में न्याय पाने के लिए खड़े रहना होगा,
धैर्य और साहस ही हमें आगे बढ़ाएंगे।
54.
समान अवसर हर व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार है,
और न्याय समाज को मजबूत बनाता है।
55.
जाति और धर्म के भेद को मिटाना होगा,
समानता और न्याय से ही समाज आगे बढ़ेगा।
56.
शिक्षा और ज्ञान के बिना व्यक्ति अधूरा है,
अज्ञानता सबसे बड़ी बेड़ियों में से है।
57.
स्वतंत्रता केवल कानून में नहीं,
बल्कि हमारे विचार और आत्मा में भी होनी चाहिए।
58.
असमानता और अन्याय से लड़ना कठिन है,
लेकिन सत्य और साहस हमेशा जीतते हैं।
59.
समान अवसर और अधिकार हर इंसान का जन्मसिद्ध हक़ हैं,
धैर्य और साहस से ही इसे प्राप्त किया जा सकता है।
60.
जातिवाद और भेदभाव समाज की सबसे बड़ी बीमारी हैं,
समानता और शिक्षा ही इसका इलाज है।
FAQ1️⃣ डॉ. भीमराव कौन थे और वह क्यों प्रसिद्ध हुए?
डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर (14 अप्रैल 1891 – 6 दिसंबर 1956) भारतीय समाज सुधारक, राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, कानूनविद और संविधान निर्माता थे।
उन्हें “भारत के संविधान के पिता” के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने दलित और पिछड़े वर्गों के लिए समानता और अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
डॉ. आंबेडकर ने भारतीय समाज में छुआछूत और जातिवाद के खिलाफ आंदोलन चलाया।
शिक्षा, सामाजिक सुधार और राजनीतिक क्षेत्र में उनका योगदान अमूल्य माना जाता है।
उन्होंने भारतीय संविधान का निर्माण किया और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कानून बनाए।
2️⃣ डाक्टर भीमराव अम्बेडकर की मृत्यु कैसे हुई थी?
डॉ. भीमराव आंबेडकर की मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को नई दिल्ली में हुई।
मृत्यु का कारण स्वाभाविक और स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएँ थीं।
वह उस समय 65 वर्ष के थे।
उनके निधन के बाद पूरे भारत में शोक की लहर फैली और उनके योगदान को याद किया गया।
3️⃣ डॉ. भीमराव अंबेडकर पर निबंध कैसे लिखें?
निबंध लिखते समय निम्नलिखित ढांचा अपनाएँ:
परिचय: डॉ. भीमराव आंबेडकर का संक्षिप्त जीवन परिचय और महत्व।
शिक्षा और अध्ययन: उनके स्कूल, कॉलेज और विदेश में शिक्षा के बारे में लिखें।
सामाजिक योगदान: छुआछूत और जातिवाद के खिलाफ उनका संघर्ष, दलित अधिकारों के लिए किए गए काम।
राजनीतिक योगदान: भारतीय संविधान निर्माण में भूमिका, मंत्री पद, दलित राजनीति में योगदान।
साहित्य और पुस्तकें: उनके लिखे हुए पुस्तक और लेख।
सारांश: उनके योगदान का महत्व और समाज के लिए प्रेरणा।
4️⃣ भीमराव आम्बेडकर का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
जन्म: 14 अप्रैल 1891
जन्मस्थान: महू, मध्य प्रदेश, भारत
परिवार: मराठा और दलित परिवार में जन्मे।
जन्म के समय भारत में जातिवाद और सामाजिक भेदभाव था, जिसके खिलाफ उन्होंने अपने जीवन में संघर्ष किया।
5️⃣ डॉ भीमराव आंबेडकर जीवनी PDF
आप उनकी जीवनी PDF online डाउनलोड कर सकते हैं, जैसे:
“Dr. B.R. Ambedkar Biography in Hindi PDF”
National Book Trust या अन्य शैक्षिक वेबसाइट्स पर उपलब्ध।
PDF में उनके जीवन, शिक्षा, संघर्ष, सामाजिक और राजनीतिक योगदान का विवरण होता है।
उदाहरण PDF लिंक (सार्वजनिक/शैक्षिक):
Download PDF
6️⃣ Bhimrao Ramji Ambedkar books
डॉ. आंबेडकर की प्रमुख पुस्तकें:
The Problem of the Rupee – भारतीय मुद्रा और अर्थव्यवस्था पर विश्लेषण।
Thoughts on Pakistan – पाकिस्तान निर्माण और भारतीय राजनीति पर विचार।
The Annihilation of Caste – जातिवाद और सामाजिक असमानता के खिलाफ।
India and the World Economy – भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति।
Buddhist Scriptures & Philosophy – बौद्ध धर्म, सामाजिक सुधार और शिक्षा पर।
7️⃣ Bhimrao Ramji Ambedkar died
मृत्यु: 6 दिसंबर 1956, नई दिल्ली, भारत
उम्र: 65 वर्ष
मृत्यु का कारण स्वाभाविक जटिलताएँ और स्वास्थ्य समस्याएँ थीं।
8️⃣ Bhimrao ramji ambedkar education
स्कूल: महू, मध्य प्रदेश
कॉलेज: Elphinstone College, Bombay
Higher Education:
Columbia University, USA – M.A. Economics
London School of Economics, UK – PhD in Economics
Gray’s Inn, London – Bar-at-Law (Law Degree)
शिक्षा के क्षेत्र में उनका संघर्ष और उपलब्धियाँ अद्वितीय थीं।
9️⃣ Bhimrao ramji ambedkar born
जन्म: 14 अप्रैल 1891
जन्मस्थान: महू, मध्य प्रदेश, भारत
बचपन में भी उन्होंने जातिवाद और सामाजिक भेदभाव का अनुभव किया।
🔟 डॉ भीमराव आंबेडकर जीवनी हिंदी
डॉ. आंबेडकर का जीवन संघर्ष, शिक्षा और समाज सुधार से भरा था।
उन्होंने दलित और पिछड़े वर्गों के लिए समानता और अधिकार के लिए जीवन समर्पित किया।
भारतीय संविधान का निर्माण करके उन्होंने समाज और राष्ट्र के लिए अमूल्य योगदान दिया।
1️⃣1️⃣ Bhimrao Ramji Ambedkar organizations founded
डॉ. आंबेडकर द्वारा स्थापित प्रमुख संगठन:
Bahishkrit Hitakarini Sabha – दलित कल्याण के लिए।
Independent Labour Party – मजदूर और दलित अधिकार।
Scheduled Castes Federation – दलित राजनीतिक संगठन।
Bharat Buddhist Mahasabha – बौद्ध धर्म और सामाजिक सुधार।